सुप्रीम कोर्ट में आज राज्यसभा सासंद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी मामले में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने बिभव कुमार को फटकार लगाते हुए कहा कि एक महिला से गलत बर्ताव पर शर्म नहीं आई? बिना किसी उकसावे के बिभव ने गुंडागर्दी की। उसे ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आई।
आगे सुप्रीम कोर्ट ने बिभव के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा क्या सीएम आवास गुंडों को रखने के लिए है? महिला के साथ जबरदस्ती की गई। मुख्यमंत्री आवास क्या कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी है? क्या गुंडों को रखने के लिए सरकारी आवास है? क्या विभव के खिलाफ कोई गवाही देगा? ऐसे गुंडों को अपना सलाहकार कौन रखता है? मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
बिभव के वकील ने क्या कहा ?
सुनवाई के दौरान वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा ऐसे मामले में सेशंस कोर्ट को जमानत देनी चाहिए थी। एमएलसी रिपोर्ट में साधारण चोट को गैर-खतरनाक बताया गया है. आरोपों से बिल्कुल उलट रिपोर्ट है। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले पर हैरानी जताई। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा अगर स्वाति मालीवाल घटना के तुरंत बाद 112 पर कॉल कर रही है, तो इससे क्या पता चलता है? मुख्यमंत्री का कार्यालय निजी आवास है? हम स्तब्ध हैं, जिस तरीके से इस मामले से निपटा गया। 112 पर कॉल करने से यह बात झुठलाती है कि मामला मनगढ़ंत है।
इस पर सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा कि वो सदन में आईं, उनके यहां कोई नहीं गया। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- सीएम आवास निजी आवास है? सिंघवी ने कहा कि आज सवाल यह है कि क्या बिभव जमानत के हकदार हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हां, हम जमानत के सवाल की जांच कर रहे हैं।