लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद ने संसद में बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी और मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है। देश में युवा, किसान सब डरे हुए हैं। बीजेपी के ‘चक्रव्यूह’ में हिंदुस्तान फंस गया है। हिंसा और नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह में डर और हिंसा होता है। 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है। यह चक्रव्यूह कमल के शेप में है। इस चक्रव्यूह में छह लोग शामिल हैं। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी। स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ तीन नाम लूंगा।
बजट पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बजट में किसानों और युवाओं के लिए कुछ नहीं था। पेपर लीक के मुद्दे पर वित्त मंत्री एक शब्द भी नहीं बोलीं। बजट का इंटर्नशिप प्रोग्राम एक मजाक था। 99 फीसदी युवाओं को इस इंटर्नशिप प्रोग्राम से कोई लेना देना नहीं है। युवाओं के लिए पेपर लीक मुद्दा सबसे जरूरी थी लेकिन उस पर किसी ने कुछ नहीं कहा। अग्निवीरों के लिए एक रुपया नहीं दिया गया।
पेपरलीक सबसे बड़ा मुद्दा
कांग्रेस सांसद ने कहा कि वित्त मंत्री जी ने बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की। ये एक मजाक है, क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप प्रोग्राम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99 फीसदी युवाओं का इस प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है। मतलब आपने पहले टांग तोड़ दी, फिर आप बैंडेज लगा रहे हैं। सच्चाई ये है कि आपने बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट आपने शिक्षा का बजट घटा दिया है।