शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है बीजेपी के पास कोई काम नहीं है। आपातकाल के 50 साल हो गए हैं, लोग उसे भूल चुके हैं, लेकिन कुछ लोग उसकी आड़ में देश में आज अराजकता फैला रहे हैं। आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार आई। जनता पार्टी ने यह नहीं सोचा कि संविधान की हत्या हुई है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई, उन्होंने भी नहीं सोचा कि संविधान की हत्या हुई, चन्द्रशेखर प्रधानमंत्री बने, उन्होंने नहीं सोचा कि संविधान की हत्या हुई है लेकिन आज की सरकार को ये अचानक लगा कि संविधान की हत्या हुई है।
संजय राउत ने ये भी कहा कि आज देश में कानून, केंद्रीय एजेंसी, भ्रष्टाचार और अराजकता बढ़ गई है, क्या यह संविधान की हत्या नहीं है ? पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि आज जो लोग संविधान हत्या दिवस मनाने का आदेश जारी करते हैं, उनको आपातकाल के बारे में क्या पता है ? क्या उन्हें मालूम है कि भाजपा की मूल संस्था संघ ने आपातकाल का समर्थन किया था ? तब इन नेताओं की उम्र क्या थी ? मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में हर दिन संविधान हत्या दिवस है।
संजय राउत के अनुसार, आपातकाल का समर्थन करने वालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बालासाहेब ठाकरे भी थे। क्या आप उन्हीं बाला साहेब ठाकरे की फोटो लगाकर वोट मांग नहीं रहे हैं? बालासाहेब ने तब इंदिरा गांधी का समर्थन किया था। आपातकाल के समर्थन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बालासाहेब ठाकरे की मजबूत भूमिका थी क्योंकि उनका मानना था कि उस वक्त देश में अनुशासन लाने के लिए ऐसे कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। आपातकाल देश की आंतरिक रक्षा का मामला था। कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और विस्फोट कर रहे थे, उनको अनुशासित करना था। आज कोई इस बात को नहीं जानता है कि आपातकाल आखिर क्यों लगाया गया था। आज बीजेपी वाले नकली शिवसेना के साथ बालासाहेब ठाकरे के गुण गा रहे हैं, जिन्होंने उस समय सार्वजनिक रूप से आपातकाल का समर्थन किया था। बालासाहेब ने मुंबई में आपातकाल का स्वागत किया था।