मथुरा : राधा-रानी विवाद पर पं. प्रदीप मिश्रा ने नाक रगड़कर क्यों माफी मांगी ?

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा-रानी के जन्म और विवाह से जुड़े अपने बयान पर आज शनिवार को बरसाना पहुंचकर राधा रानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांग और दंडवत प्रणाम किया। इसके बाद मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मैं ब्रजवासियों के प्रेम की वजह से यहां आया हूं। लाडली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे यहां बुलाया। मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं।’

 

उन्होंने आगे कहा कि ‘ब्रजवासियों के चरणों में दंडवत माफी मांगता हूं। मैं लाडली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूं। सभी से निवेदन है कि किसी के लिए कोई अपशब्द न कहें। राधे-राधे कहें, महादेव कहें। मैं सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से माफी मांगता हूं।’

 

पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा था

दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा ने 9 जून को ओंकारेश्वर में कथा के दौरान कहा था कि ‘राधा-रानी का नाम भगवान श्रीकृष्ण की 108 पटरानियों और 1600 रानियों में नहीं हैं। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था।’

 

उन्होंने कहा था, ‘राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।’ पंडित प्रदीप मिश्रा का ये प्रवचन वायरल हुआ तो संत, ब्रजधाम में लोगों ने विरोध किया। सबसे तल्ख टिप्पणी आई प्रेमानंद महाराज की तरफ से आई थी। उन्होंने कहा, ‘लाड़ली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती।’

 

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