उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को संविधान का गला घोंटने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा आज पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में काला दिवस मना रही है। कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटते हुए लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रची थी। रात के अंधरे में 25 जून 1975 को श्रीमती इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था। तब विपक्ष के नेताओं को बंद करके लोकतंत्र के गले को पूरी तरह से घोंटने का प्रयास किया था। 50 वर्ष बाद हम इमरजेंसी की यादों को स्मरण करते हैं, तो स्वाभाविक रुप से कांग्रेस के चेहरे बदले होंगे, लेकिन उनका चरित्र, हावभाव वहीं है।
CM ने कहा कि उन्होंने संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में ही संशोधन करके संविधान को खत्म करने की साजिश रची। नागरिकों के मौलिक अधिकारों नष्ट किया, न्याय व्यवस्था को बंधक बनाकर रखने का काम किया। भले ही आज कांग्रेस का चेहरा बदला हो लेकिन चरित्र वही है। ये लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं। ये भारत के बाहर जाकर भारत को और इसके लोकतंत्र को कोसते हैं। हर चुनाव प्रक्रिया में बाधा पैदा करके ईवीएम पर अपनी अकर्मण्यता को थोपने का काम करते हैं। यह आज से ही नहीं, 1975 से नहीं बल्कि आजादी के 2 साल बाद ही शुरू हो गया था। जब संविधान संशोधन करके इन्होंने धारा 370 को जोड़ने का काम किया। इसके बाद भी समय-समय पर वे लोकतंत्र को कमजोर करते रहे। कभी मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर तो कभी न्यायपालिका पर सवाल उठाकर उन्होंने लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास किया।
CM योगी ने ये भी कहा कि 1975 की इमरजेंसी की घटना के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए, नागरिकों की रक्षा के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर करने का काम किया था, उन्हीं की वर्तमान पीढ़ी आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है। यह अफसोस की बात है।