राजनीतिक गलियारे में इन दिनों केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। लोकसभा चुनाव में इन दोनों ही सीटों से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीत हासिल की है। दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज करने वाले राहुल के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती एक सीट को चुननी की है। जिसको लेकर राहुल गांधी काफी कन्फ्यूज हैं।
क्या कहते है राहुल गांधी
राहुल गांधी का कहना है कि वह इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि वायनाड या रायबरेली लोकसभा सीट में से किस सीट से सांसद बने रहें। दरअसल, आज बुधवार को केरल पहुंचे राहुल गांधी ने मलप्पुरम में कहा कि वह इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि उन्हें कौन सा निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना चाहिए। वह जो भी फैसला लेंगे उससे दोनों निर्वाचन क्षेत्र के लोग खुश होंगे। लोकसभा चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें चुनने के लिए वह वायनाड के लोगों को धन्यवाद देते हैं।
कांग्रेस का गढ़ है रायबरेली
गौरतलब है कि रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। इस क्षेत्र से गांधी परिवार का पुराना रिश्ता रहा है। जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुआ ये रिश्ता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने आगे बढ़ाया। इसके बाद इस रिश्ते को सोनिया गांधी ने बरकरार रखा। सोनिया रायबरेली से चुनाव लड़ती थीं लेकिन इस बार उन्होंने अपने बेटे को यहां से चुनावी मैदान में उतारा। जहां जनता ने राहुल गांधी को भरपूर समर्थन देकर भारी मतों से जिताया।
वहीं दूसरी तरफ अगर बात वायनाड सीट की करें तो राहुल गांधी दूसरी बार यहां से सांसद चुने गए हैं। साल 2019 में राहुल ने अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें रायबरेली से हार मिली थी। इस चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली सीट पर राहुल को शिकस्त दी थी। वहीं पहली बार वायनाड से चुनावी मैदान में उतरे राहुल ने इस सीट पर शानदार जीत हासिल की थी। वायनाड की जनता ने उस वक्त राहुल का साथ दिया था जब उन्हें अमेठी से हार मिली थी। वायनाड की वजह से ही वो संसद पहुंचे थे।