छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। क्योंकि बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद यहां एक और मंत्री पद खाली हो रहा है। जिसके बाद अब विष्णुदेव साय कैबिनेट का हिस्सा बनने के लिए नेताओं की दावेदारी और सियासी गलियारों में हलचल तेज है। राजनीति गलियारे में चर्चा हैं कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली से लौटते ही मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर कवायद तेज हो जाएगी। इसको लेकर संगठन के नेताओं से चर्चा किए जाने की भी खबर है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल के गठन के वक्त एक मंत्री पद खाली रखा गया था, अब शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का मंत्री पद भी खाली होने जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आगामी 18 जून तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की बात सामने आई है। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही बृजमोहन अग्रवाल की दावेदारी देखते हुए मंत्री पद को लेकर विचार विमर्श शुरू कर दिया गया था। अब बृजमोहन इस्तीफे से पहले ही दो नए मंत्रियों की तलाश पूरी कर ली जाएगी।
चौंकाने वाले होंगे निर्णय
जिस तरह से भाजपा संगठन में निर्णय हो रहे हैं। उसके अनुसार, मंत्रिमंडल पुनर्गठन फेरबदल को लेकर इस बार भी चौंकाने वाले निर्णय सामने आ सकते हैं। गौरतलब है कि 6 महीने पहले साय मंत्रिमंडल का गठन हुआ था, जिसमें केवल चार पुराने मंत्रियों को ही जगह मिल पाई थी। जबकि इसके पहले की बीजेपी की डॉ. रमन सिंह सरकार के समय मंत्री रहे अधिकांश नेता मंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गए थे। बहरहाल मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और बड़े फेरबदल की इन चर्चाओं के बीच रायपुर से लेकर दिल्ली तक मंत्री बनने के लिए विधायकों की लॉबिंग तेज हो गई है।