ईरान ने इजराइल पर हमला किया तो मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया। ये तो जब जानते ही है कि गाजा, सुडान, यूक्रेन में जंग पहले से छिड़ी हुई है। ऐसे में दो बड़ी ताकतों के बीच जंग होना देश भर के लिए मुश्किल पैदा करने जैसा है। बता दें ईरान का ये हमला सीरिया में हुए ईरानी दूतावास पर संदिग्ध इजराइली हमले के जवाब में था। जिसके बाद अब तमाम देशों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरु कर दिया है। इसी क्रम में रूस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दुनिया को चेतावनी दी है कि ईरान और इजराइल के बीच अगर विवाद बढ़ा तो इससे किसी को भी फायदा नहीं होगा और पूरी दुनिया को इसके बुरे परिणाम भुगतने होंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए क्या बताया ?
दरअसल, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने आशंका जताई है कि दोनों ताकतें अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में कामयाब होंगे। दिमित्री पेसकोव ने ये बयान सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए दिया है। उन्होंने कहा है कि रूस मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव को लेकर बेहद चिंतित है। उन्होंने इस बात की वकालत की है कि सभी मतभेदों को केवल राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से ही हल किया जाना चाहिए। रूस ने ये भी साफ किया कि इस तनाव का सैन्य संघर्ष में बदलना किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं होगा।
ये बताई विवाद की वजह
रूसी विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजराइल के बढ़ते विवाद की वजह बताते हुए कहा है कि मध्य पूर्व में विवाद फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष की अनसुलझी प्रकृति की वजह से बढ़ रहा है। यानी जिस तरह से अक्टूबर के बाद से लगातार इजराइल और गाजा में युद्ध चल रहा है और अमेरिका समेत दुनिया के तमाम मुल्कों के प्रयासों के बावजूद हालात में सुधार नहीं आया है। रूस ने साफ किया कि फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे का जल्द हल होना ही क्षेत्र में शांति ला सकता है।
दो हफ्ते पहले किया था हमला
गौरतलब है कि इजराइल ने दो हफ्ते पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास की इमारत पर हमला कर दिया था। इस हमले का ईरान ने जवाब दिया और बीते शनिवार (13 अप्रैल) को इजराइल पर हमला बोल दिया। दोनों देशों के बीच दशकों से जारी दुश्मनी के बीच ईरान ने पहली बार इजराइल पर सीधे तौर पर ये सैन्य हमला किया।