केजीएमयू के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने 85 साल की महिला में सफल कूल्हा प्रत्यारोपण करने में कामयाबी हासिल की। खास बात यह है कि बुजुर्ग महिला का करीब 35 साल पहले कूल्हा प्रत्यारोपण हो चुका है। दोबारा परेशानी होने पर रिवीजन कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद महिला की सेहत में सुधार है।
लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हड्डी विभाग के डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने रिवीजन कूल्हा प्रत्यारोपण किया है। उन्होंने बताया कि शाहजहांपुर निवासी महिला के बाए कूल्हा का 35 साल पहले प्रत्यारोपण निजी अस्पताल में हुआ था। पिछले कुछ वर्षों से मरीज को दोबारा कूल्हे का दर्द शुरू हो गया जिसकी वजह से मरीज अपने दैनिक कार्य नहीं कर पा रही थी। बुजुर्ग को उठने-बैठने और चलने फिरने में समस्या हो रही थी। जिसके लिए मरीज कई निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए गई। लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। क्योंकि पूर्व में किए हुए ऑपरेशन में इस्तेमाल किए हुए इंप्लांट को निकालना बहुत ही जटिल काम था।आखिर में परिवारीजन मरीज को लेकर लखनऊ के केजीएमयू हड्डी रोग विभाग पहुंचे। यहां डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। डॉ. नरेंद्र ने दोबारा प्रत्यारोपण करने की सलाह दी। परिवारीजन राजी हो गए। पहले हो चुके प्रत्यारोपण के इम्प्लांट को निकाला। फिर दोबारा बाए कूल्हे का प्रत्यारोपण किया। उन्होंने बताया कि कूल्हा प्रत्यारोपण के बाद आज मरीज अपने पैरों पर चल पा रहीं हैं।