छत्तीसगढ़ : प्रशासन के झूठे दावे से परेशान NTPC भू विस्थापित परिवार आमरण अनशन पर बैठा

एनटीपीसी भू विस्थापित परिवार के महिला और बच्चों के द्वारा एनटीपीसी व जिला प्रशासन के लगभग 10 माह झूठा आश्वासन के खिलाफ लगातार 18 दिनों से अनशन पर बैठे है। एनटीपीसी भू विस्थापित परिवार राजन पटेल, घसियाराम केवट, मथुरा कुमार केवट, रामायण प्रसाद केवट, शुभम् केवट का आंदोलन 30 जनवरी से जारी है। पांच भू स्थापित की नौकरी मुआवजा बसाहट के बजाय, एनटीपीसी प्रबंधक के द्वारा जिला स्थानीय प्रशासन को अंधेरे में रखने के लिए आगे हो गया।

इस मामले में कलेक्टर महोदय अजीत बसंत के मध्य बात हुई 33 भूविस्थापित बिलासपुर सीपत एनटीपीसी को ट्रेनिंग कर कर भर्ती किया है। इनको स्वीकार किया है। कलेक्टर महोदय के द्वारा कलेक्टर का कहना है कि 7 साल में और भी कलेक्टर आए हैं उनके द्वारा किसी प्रकार का निराकरण नहीं किया है।

भूविस्थापित राजन पटेल ने कहा आपको आदेश किया है महामहिम राज्यपाल और माननीय कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन 33 बिलासपुर एनटीपीसी के भूविस्थापित के अनुसार जिला प्रशासन के समक्ष में नौकरी शेष मुआवजा बसाहट के लिए जिला प्रशासन इसको निराकरण करने के बजाय एनटीपीसी प्रबंधन के बादलों रूपी अंधेरे में आ जाते। भूविस्थापित राजन पटेल ने कहा जमीन में तो हम विजय प्राप्त कर चुके हैं और नौकरी में भी।

भू विस्थापित तो द्वारा बोला गया कि आपके समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमें 323 भू विस्थापितों को दिया गया नौकरी उसमें ही एनटीपीसी मुख्य महाप्रबंधक मधु, एस , एचआर डिपार्टमेंट प्रबंधक ,शशि शेखर डीएम, सुमित राय बाग, शशांक छाजेड़, खुद फंसा हुआ है अपने ही पत्र में स्वयं फंसे चले आए प्रबंधक बन कर प्लांट को चलाने छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र किस को धोखा देने के लिए मूल निवासी किसान मिशल रिकॉर्ड का जिला प्रशासन से अपने अधिकार की गुलामी के जीवन जी रहे हैं।

और एनटीपीसी प्रबंधकसन 1978 79 में ग्राम चारपारा की भूमि बिलासपुर भू अर्जन अधिकारी के द्वारा एनटीपीसी कोरबा के द्वारा अधिग्रहण किया गया था जिसमे शेष भूमि कोरबा भू अर्जन अधिकारी व बिलासपुर भू अर्जन अधिकारी के द्वारा अधिग्रहण किया गया था। जिसका शेष मुआवजा आज पर्यंत तक बचा हुआ है जमीन अधिग्रहण के एवज में आम सूचना जारी किया गया था जैसे-जैसे प्लांट का विस्तार बढ़ता जाएगा आप लोगों को क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान की जाएगी। बिलासपुर कलेक्टर के द्वारा प्रत्येक परिवार को अभिलंब नौकरी देने के लिए एग्रीमेंट जारी किया गया था।

पांच भूविस्थापित पात्रता अनुसार जिसका शेष मुआवजा महामहिम माननीय राज्यपाल कलेक्टर महोदय कोरबा को आदेश किया गया था। नियम अनुसार इसके ही अनुसार माननीय कैबिनेट मंत्री जी भी आदेश किए हैं नौकरी मुआवजा के लिए कड़ी कार्रवाई करते हुए हम भी भूविस्थापित की मांग पूरे होने तक आमरण अनशन बैठे रहेंगे जिसकी समस्त जवाबदारी एनटीपीसी मुख्य महाप्रबंधक वह जिला प्रशासन की और स्थानी जनप्रतिनिधि की।

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