हल्द्वानी हादसा : सड़क पर खून, चिल्लाने और बोलने की आवाज, कैसे सुलग उठी देवभूमि !

उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में देर रात उपद्रवियों ने बड़ा बवाल कर दिया। पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सरकार को आदेश जारी करना पड़ा कि दंगाइयों को देखते ही गोली मार दो। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा में अभी तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहा है। दरअसल प्रशासन की टीम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा और मस्जिद को हटाने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची थी। लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं समेत स्थानीय निवासी विरोध करने लगे और उन्हें बैरिकेड तोड़ते हुए पुलिसकर्मियों के साथ बहस करनी शुरु कर दी।

जैसे ही जेसीबी का एक्शन चल तो भीड़ ने नारेबाजी करते हुए पथराव करना शुरु कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया लेकिन बवाल थमने के बजाए और बढ़ गया।

इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए राजधानी देहरादून में हाईवेल मीटिंग बुलाई और हालात की समीक्षा की। साथ ही बैठक में तय किया कि दंगाइयों को देखते ही गोली मार दी जाए। CM ने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

स्कूल बंद और इंटरनेट सस्पेंड
वहीं दूसरी तरफ नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए हल्द्वानी में कर्फ्यू लगाया गया है। शहर में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। क्षेत्र में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया गया है। कोई भी शख्स अत्यावश्यक कार्यों (मेडिकल इत्यादि) को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकलेगा।

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