जयपुर : फोटोग्राफर का सिर काटने से पहले हुई डीजे पार्टी:जयपुर में शराब पीने के दौरान कहासुनी; म्यूजिक की तेज आवाज में हाथ-पैर भी काट डाले

जयपुर : जयपुर में एक घर में मिली फोटोग्राफर विष्णु की सिर कटी लाश के राज चौंकाने वाले हैं। शराब और डीजे पार्टी के दौरान बहस हुई थी। जिसके बाद बदमाशों ने बेरहमी से विष्णु का सिर काट डाला। टांगें और हाथ भी काटकर अलग कर दिए गए। चीखने-चिल्लाने की आवाजें बाहर नहीं जाएं, इसलिए डीजे की आवाज तेज कर दी थी।

हत्या के बाद बदमाश तो भाग निकले, लेकिन लाश 7 दिन तक सड़ती रही। आवारा कुत्तों ने धड़ से अलग हुए सिर को नोंच डाला। गांव वालों ने कुत्ते के मुंह में नरमुंड देखा तो घर से लापता हुए विष्णु की हत्या का पता चला। डेडबॉडी इतनी सड़ चुकी थी कि घर वालों ने चप्पल देखकर पहचान की।

इस मर्डर के पीछे शराब पार्टी के दौरान हुई मामूली बहस है या फिर ये लव एंगल के चलते सुनियोजित मर्डर। यह जानने के लिए भास्कर टीम जयपुर के रामसर पालावाला गांव पहुंची…

पालावाला गांव कानोता थाना क्षेत्र में आता है। मर्डर के बाद से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।

आसपास आ रही थी बदबू, गलियां सूनी

सनसनीखेज मर्डर के बाद रामसर पालावाला गांव के लोग सहमे हुए हैं। हम गांव में अंदर एक मकान में पहुंचे। यहीं विष्णु की हत्या की गई थी। डेडबॉडी की बदबू के कारण वहां कुछ सेकंड भी खड़े रहना मुश्किल था।

मकान के दरवाजे पर पुलिस ने एक चारपाई खड़ी करके लगा रखी थी ताकि कोई अंदर नहीं जा सके। हम चारपाई हटाकर अंदर दाखिल हुए। तीन कमरों के इस मकान के बरामदे में डीजे के स्पीकर बॉक्स रखे हुए थे। एक चारपाई पर घास काटने वाली दांतली पड़ी थी।

कमरे की दीवारों पर लगे ब्लड के छींटे। लाश इसी कमरे में 7 दिन तक सड़ती रही।

दीवार पर खून के छींटे बता रहे थे पूरी कहानी

बीच के एक कमरे से बहुत तेज बदबू आ रही थी। खून से सनी दीवारें हत्याकांड की पूरी कहानी बता रही थी। खून के काफी छींटे फर्श पर भी पड़े थे। पुलिस को यहां से तलवारें और धारदार हथियार भी मिले हैं।

कमरे में एक बड़े संदूक को कपड़े निकालकर खाली किया गया था। एक बड़ा बैग भी रखा था। शायद हत्या के बाद हत्यारे विष्णु के शव को संदूक में डालकर ठिकाने लगाना चाहते थे।

ये मकान पालावाला गांव के किशोर (50) का है। वह अपने भाई लीला उर्फ विक्की (40) के साथ रहता है। इनकी दो बहनें भी साथ ही रहती हैं। दोनों की शादी हो चुकी है, लेकिन ससुराल को छोड़ कर यहीं पर रहती हैं। एक बहन के पति की मौत भी हो चुकी है। पूरा परिवार 17 अगस्त को हत्याकांड के बाद ही फरार हो गया था।

मकान में रखे डीजे के बक्से। पार्टी के बाद ही विष्णु की हत्या कर दी गई।

17 अगस्त की घटना : शराब पीने के बाद अनबन डीजे चलाकर की थी पार्टी

पालावाला गांव से महज 5 किलोमीटर दूर लसाड़िया गुजरान गांव के विष्णु बैरवा का किशोर और विक्की के घर आना-जाना था। एक दूसरे को कब से जानते थे यह कहना मुश्किल है। विष्णु फोटोग्राफी करता था। इसके साथ ही शादी-ब्याह और फंक्शन में डीजे का काम भी करता था।

गांव के कुछ लोगों ने बताया कि उस दिन दोपहर को करीब 2.30 से 3 बजे का वक्त था। अचानक से काफी तेज आवाज में डीजे पर गाने बजने लगे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान ही विष्णु की कमरे में ले जाकर हत्या कर दी गई। उससे पहले विष्णु ने किशोर और विक्की के साथ शराब पी थी।

प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि शराब पीने के दौरान ही उनके बीच किसी बात पर अनबन हुई थी। मामला बढ़ता देख विष्णु वहां से घर चला गया था। लेकिन दोनों भाई विक्की और किशोर अपनी बाइक लेकर विष्णु के घर गए। उसे बाइक पर बैठाकर वापिस ले आए। फिर शराब पिलाई और धारदार हथियारों से हत्या कर दी। डीजे की तेज आवाज में विष्णु की चीख पुकार कोई सुन ही नहीं सका। गर्दन को धड़ से अलग कर दिया फिर दोनों पैर भी काट डाले।

मकान के अंदर चारपाइ पर रखा खोपड़ी का कंकाल, जिसे आवारा कुत्ते उठाकर ले गए थे।

पत्नी-बच्चों और बहनों को फोन कर भागने के लिए कहा

हत्या की वारदात के समय विक्की और किशोर ने अपने परिवार के बाकी लोगों को फोन कर दिया कि घर मत लौटना। परिवार के बाकी लोग किसी निजी अस्पताल में साफ-सफाई का काम करते थे। हत्या के बाद विष्णु का शव कमरे में छोड़ कर आरोपी वहां से भाग निकले। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी कानोता से होते हुए करौली, भरतपुर और इसके बाद हरियाणा के नारनौल चले गए थे। जहां से पुलिस ने दोनों भाइयों समेत 5 लोगों को पकड़कर हिरासत में लिया है।

पिता बोले : लड़की देख रखी थी, जल्दी शादी करने वाले थे

पालावाला से करीब 5 किलोमीटर दूर हम विष्णु बैरवा के लसाडिया गुजरान गांव पहुंचे। उनके घर बैरवा की ढाणी में काफी लोग जमा थे। वहां विष्णु के पिता रामेश्वर (65) ने बताया कि 17 अगस्त को उसे दो युवक घर आकर ले गए थे। इन दिनों डिग्गी कल्याण जी की यात्रा चल रही है, हमने सोचा कि वहीं डीजे लगा रखा होगा। देर रात तक नहीं लौटा तो हमें चिंता सताने लगी। कई रिश्तेदारों से भी पूछा, लेकिन उसका कहीं अता-पता नहीं चला।

हम विष्णु की शादी की तैयारी कर रहे थे। उसके लिए लड़की भी देख रखी थी- पिता

विष्णु पहले भी एक-बार बिना किसी को बताए दिल्ली चला गया था। लेकिन कुछ दिन बाद लौटकर वापस आ गया था। हम यही लोग सोच रहे थे कि शायद इस बार भी अपना डीजे का काम निपटाकर अपने आप लौट आएगा। कई दिन इंतजार के बाद भी जब वह नहीं लौटा तो पुलिस थाना कानोता में 24 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज कराई।

पुलिस तलाश कर ही रही थी कि अचानक 25 अगस्त की शाम हमारे पास फोन आया। हम पालावाला गांव पहुंचे तो देखकर सन्न रह गए। पुलिस के साथ उस मकान में दाखिल हुए तो बेटे का केवल धड़ था। पास में पड़ी चप्पल और पायजामा से उसकी पहचान हुई। शव में कीड़े लगे हुए थे। पूरी तरह से गल चुका था।

मेरे बेटे को बकरे की तरह से काट-काट कर मार डाला गया। केवल कंकाल की खोपड़ी थी। कुत्ते उस खोपड़ी को लेकर घूम रहे थे। लोगों ने देखकर पुलिस को बताया। उन्होंने बताया कि परिवार में विष्णु की शादी की तैयारी कर रखी थी। रिश्ता पक्का करने के लिए लड़की वालों से बातचीत चल रही थी।

मां का कहना था कि उसके बेटे के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, तभी उन्हें चैन पड़ेगा।

मां बोली : मैं चिल्लाती रही…दो लड़के बाइक पर ले गए

बेटे की मौत के बाद मां बिल्कुल बेसुध हैं। बार-बार एक ही शब्द मुंह से निकल रहा था…दरिंदों ने मेरे बेटे को मार दिया। उन्होंने बताया कि 17 अगस्त की दोपहर, मैं नदी के पास से घर लौट रही थी। तभी दो लड़के विष्णु को बाइक पर बैठा कर ले जा रहे थे।

मैंने देखा तो उसे रुकने के लिए कई बार आवाज लगाई। उसने पीछे मुड़ कर देखा, लेकिन बाइक वाले रुके ही नहीं। वो आवाज सुनकर रूक जाता तो आज जिंदा होता।

बहन बोली : तीन दिन बाद राखी, मेरे भाई को मार दिया

विष्णु की बहन ममता भी घर के बाहर ही बैठी थी। वो बोली कि दो दिन के बाद राखी है। मेरे भाई को बदमाशों ने मार दिया। उसने किसी का क्या बिगाड़ा था। एक महीने पहले ही बात हुई थी। उसके बाद उससे कोई बात नहीं हुई थी। विष्णु के लापता होने के बाद से ही तीनों बहनें परेशान थी। अब तीन दिन पहले उसका शव मिला तो रात को ही घर पर पहुंच गई थी।

विष्णु 7 भाई-बहनों में सबसे छोटा था। खुद डीजे और फोटोग्राफी का काम देखता था। विष्णु के पिता ने बताया कि वह फोन नहीं रखता था। इसलिए उसे तलाश करने में बहुत दिक्कत हुई।
विष्णु 7 भाई-बहनों में सबसे छोटा था। खुद डीजे और फोटोग्राफी का काम देखता था। विष्णु के पिता ने बताया कि वह फोन नहीं रखता था। इसलिए उसे तलाश करने में बहुत दिक्कत हुई।

क्या हत्या में प्रेम प्रसंग कोई एंगल है?

विष्णु बैरवा हत्याकांड के पीछे क्या प्रेम प्रसंग है या केवल कहासुनी। पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है। कानोता थानाधिकारी भगवान सहाय मीणा ने बताया कि दो मुख्य आरोपियों सहित 5 संदिग्धों को पकड़ा है। हत्या के बाद आरोपी हरियाणा के नारनौल भाग गए थे। जहां पर ये साफ-सफाई कर का काम करते थे वहां पहुंच कर पुलिस ने जांच पड़ताल की है। पुलिस जल्द ही आरोपियों से पूछताछ के बाद पूरी घटना का खुलासा करेगी।

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