जयपुर : एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फैडरेशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले प्रदेश भर के एलपीजी वितरक अपनी पांच सूत्र मांगों को लेकर जयपुर में जुटे. उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत और फ़ूड मिनिस्टर प्रताप सिंह खाचरियावास के सामने गैस वितरण में लगे वाहनों को स्टेट हाईवे पर टोल फ्री करने, गैस गोदामों के लिए भूमि को कॉमर्शियल कन्वर्जन की अनिवार्यता समाप्त करने, वाहनों पर वन टाइम टैक्स से छूट देने की मांग की.
फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक सिंह गहलोत ने बताया कि राज्य के विभिन्न शहरों और गांवों में LPG भंडारण के लिए बने गोदामों के नियमन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गैस गोदामों के लिए भूमि को कॉमर्शियल कन्वर्जन की अनिवार्यता से मुक्त किया जाना जरूरी है. घरेलू LPG वितरण के कार्य में लगे वाहनों को स्टेट हाईवे पर लगने वाले टोल टैक्स से मुक्त रखा जाए. LPG वितरण में लगे वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क और वन टाइम टैक्स को कर मुक्त करवाने की मांग है.
वही आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत LPG वितरक के विरुद्ध FIR में नाम तब तक नहीं लिखा जाना चाहिए जब तक कि जाँच में LPG वितरक की निजी संलिप्तता नहीं पायी जाए. सीएम गहलोत ने बातचीत करते हुए कहा एक भी मांग ऐसी नहीं, जो नहीं मानी जा सकती. सभी मांगें पूरी होंगी.
क्या बोले फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक सिंह
फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक सिंह गहलोत ने अपना डिमांड चार्ज सीएम के सामने रखते हुए कहा कि राज्य की अनेक वीरांगनाएं, दिव्यांग, स्वतंत्रता सेनानी परिवार, एकल और विधवा महिलाएं एवं पूर्व सैनिक एलपीजी वितरण कार्य से जुड़कर प्रदेश के 1.60 करोड़ परिवारों के घरों तक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इस सेवा के कार्य में कई ऐसी छोटी-छोटी बाधाएं हैं, जिनको आसानी से दूर किया जा सकता है.
कोरोना काल में जब कोई घर से नहीं निकल रहा था, हमारा हॉकर घर-घर सिलेंडर पहुंचा रहा था, ऐसी सेवा प्रदायी संस्था को सीएम से काफी उम्मीदें हैं. इसके जवाब में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हर बात जायज है. सभी बातों के लिए मैं अधिकारियों से कहूंगा कि वे फैडरेशन के साथ बैठकर इनकी बातों पर मंथन कर समाधान निकालें. हर मांग मानने योग्य है.