पाली : परिवार की रजामंदी से शादी फिर भी समाज ने निकाला:विवाहिता बोली- सगाई तोड़ने से पंच नाराज, ससुराल और पीहर पक्ष का रिश्तेदारी में जाना बंद

पाली : परिवार की रजामंदी और सामाजिक रीति-रिवाज से शादी करने के बाद भी युवती के पीहर और ससुराल वालों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया हैं। युवती का कहना है कि एक मिर्गी रोगी से सगाई तोड़कर दूसरी जगह शादी करना पंचों को रास नहीं आया। करीब 2 साल से रिश्तेदारी और समाज में शादी-ब्याह और अन्य प्रोग्राम में आना-जाना भी बंद करवा दिया है। 10 लाख रुपए की डिमांड भी करते है। अब कोर्ट के जरिए पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

मामला पाली जिले के बगड़ी नगर का है। 25 साल की युवती पिंकी का कहना है कि परिवार से 2020 से पहले उसकी सगाई एक युवक से की थी। बाद में पता चला कि वह मिर्गी का मरीज है। घर आकर पिता से शादी जल्दी करवाने को लेकर बदसलूकी भी करने लगा था।

तब परिवार से उससे न करने की बात कही थी। सभी की रजामंदी के बाद सगाई को तोड़ दिया गया। इसके बाद 6 अगस्त 2020 को बगड़ी के सरगरों की ढीमड़ी के ही रहने वाले हजारीमाल से परिवार की रजामंदी और सामाजिक रीति-रिवाज से शादी हुई। शादी के बाद से गांव के पंचों ने परेशान करना शुरू कर दिया। परिवार से रुपयों की डिमांड कर समाज से बहिष्कृत करने की चेतावनी दी।

साल 2020 में पिंकी और हजारीमल की शादी का फाइल फोटो।
साल 2020 में पिंकी और हजारीमल की शादी का फाइल फोटो।

समाज में शामिल करने के लिए मांगे 10 लाख रुपए
पंचों का जुल्म कम नहीं होने पर पिंकी की सास सायरी पत्नी चुन्नीलाल सीरवी ने कोर्ट के जरिए बगड़ी नगर थाने में 13 पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया कि 24 दिसम्बर 2021 को पिपलाज गांव में पंचों ने बैठक बुलाई थी। बैठक में उन्हें भी बुलाया गया और समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी कर दिया गया। 10 लाख का जुर्माना देने पर समाज में फिर से शामिल करने की बात कही। इतनी बड़ी रकम देने में उन्होंने असमर्थता जताई और चले गए। तब से रिश्तेदारी और समाज में शादी विवाह में आने-जाने नहीं दिया जाता। इससे वे मानसिक रूप से परेशान है।

वर्ष 2020 में पिंकी और हजारीमल की शादी। फाइल फोटो।
वर्ष 2020 में पिंकी और हजारीमल की शादी। फाइल फोटो।

पति बोला- डिप्रेशन में आ गया, धंधा भी चौपट
रिपोर्ट में बताया कि 29 जुलाई 2023 को भी पंचों ने बैठक बुलाई और 5 लाख रुपए जमा करवाने का दबाव बनाया। पंचों ने कहा कि 5 लाख रुपए जमा करवा दो, समाज में शामिल कर लेंगे। पंचों ने बैठक समाप्त करने के लिए एक लाख रुपए उठापा के नाम पर मांगें। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपए पहले पंचों को दे चुके है। अब रुपए नहीं देंगे। पिंकी के पति हजारीमल चौधरी का कहना है कि वह बैंगलोर में सेनेटरी का काम करता है और परिवार के साथ यही रहता है। बार-बार पंचों के बुलाने और समाज से बहिष्कृत करने के कारण वह डिप्रेशन में आ गया। जिससे उसका धंधा भी चौपट हो गया।

पिंकी अपने पति और बच्चे के साथ।
पिंकी अपने पति और बच्चे के साथ।

इन 13 पंचों के खिलाफ करवाया मामला दर्ज
पिंकी की सास ने मातवा बेरा पिपलाद निवासी रतनाराम पुत्र बोहराराम सीरवी, सरगरों की ढीमड़ी बगड़ी नगर निवासी कन्हैलाल पुत्र चौथाराम सीरवी, पिपलाद निवासी घीसाराम पुत्र चेलाराम गहलोत, उचियाडी पिपलाद निवासी ढगलाराम पुत्र पेमाराम सीरवी, पिपलाद निवासी उकड़ाराम पुत्र भूराराम सीरवी, भोमाराम पुत्र जीवाराम मोगरचा, कुन्नाराम पुत्र चौथाराम सीरवी, मोहनलाल पुत्र डायाराम सीरवी, जगाराम पुत्र जीवाराम सीरवी, केसाराम पुत्र भूराराम परिहार, नेमाराम पुत्र धन्नाराम सीरवी, दलाराम पुत्र जीवाराम सीरवी, पुकाराम पुत्र पनाराम सीरवी बगड़ी नगर के खिलाफ मामला कोर्ट जरिए मामला दर्ज करवाया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जांच अधिकारी एएसआई भवानी सिंह ने बताया कि 10 अगस्त को मामला दर्ज किया गया है मामले में फिलहाल सबूत एकत्रित किए जा रहे है।

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