जयपुर : हसन हैदर ने शहनाई से बहाई सुरों की गंगा:श्रुति मंडल के स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत, राग गोरख कल्याण किया आगाज

जयपुर : जयपुर में श्रुति मंडल और कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की ओर से स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को समर्पित यह समारोह महाराणा प्रताप सभागार में आयोजित किया गया। पहले दिन हसन हैदर खां का शहनाई वादन कार्यक्रम आयोजित हुआ।

शहनाई के सुरो से मांगलिक वाद्य शहनाई सुरीला हो गया हसन हैदर ने अपनी असरदार श्वास से वाद्य को चैतन्य कर दिया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत राग गोरख कल्याण से की। उन्होंने तीन ताल मध्यलय में शहनाई के सुरों को सुरीली ढ़ंग से पेश किया कि दर्शक वाह-वाह कर उठे। इसके बाद उन्होंने झुमरा ताल, 14 मात्रा में शहनाई के सुर छेड़ कर उस्ताद बिस्मिल्ला खान साहब की याद को ताजा कर दिया।

उन्होंने झुमरा ताल, 14 मात्रा में शहनाई के सुर छेड़ कर उस्ताद बिस्मिल्ला खान साहब की याद को ताजा कर दिया।
उन्होंने झुमरा ताल, 14 मात्रा में शहनाई के सुर छेड़ कर उस्ताद बिस्मिल्ला खान साहब की याद को ताजा कर दिया।

इसके बाद उन्होंने एक धुन पहाड़ी में बजाई और बिस्मिल्लाह खान साहब की कुछ चीरपरिचित धुने जैसे कजरी, दादरा, चेती सुना कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इनके साथ शहनाई पर जाकिर हुसैन, सुर शहनाई पर जाहिद अली, तबला पर प्रीतम चक्रवर्ती और दुक्खड पर सिद्धु ने असरदार संगत की। समारोह में दूसरे दिन 18 अगस्त को पीऊ मुखर्जी का गायन होगा। इसमें संगीतकार के रूप में तबला वादक पिनाकी चक्रवर्ती, हारमोनियम पर सुब्रत भट्टाचार्य और सारंगी पर डॉ मुराद अली नजर आएंगे।

हसन हैदर खां ने शिक्षा अपने पिता एवं गुरु सुप्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद अली हैदर हसन खां से प्राप्त की है। हसन एक लम्बे अर्से से पंडित अरविन्द पारीख से गहन तालीम हासिल कर रहे हैं। वे ऑल इण्डिया रेडियो के ग्रेडेड आर्टिस्ट हैं एवं उन्होंने देश-विदेश में अपनी प्रस्तुतियां दी है।

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