झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी में मणिपुर हिंसा को लेकर प्रदर्शन:आदिवासी समाज और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर जताया विरोध, आरोपियों को फांसी देने की मांग

झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी में आदिवासी मीणा समाज की ओर से शुक्रवार को मणिपुर में हो रही हिंसाओं को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया है। इस दौरान मीणा समाज के लोगों ने महिलाओं पर अत्याचार करने वाले लोगों को फांसी देने की मांग की है।

एसडीएम जय सिंह चौधरी को दिए ज्ञापन में बताया कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करने और गैंग रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं। ये मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं हैं। 4 मई को मैतई जाति के सैकड़ों लोगों ने आदिवासी महिलाओं को पुलिस कब्जे से छीन कर उनके साथ दरिंदगी करने से पूरे देश को शर्मसार होना पड़ा है, जिसको लेकर आदिवासी समाज काफी आहत हुआ है और घटना को लेकर काफी रोष है। जल, जंगल और जमीन के असली वारिस आदिवासी समाज का कानून एवं सुरक्षा वर्ष व्यवस्था से विश्वास उठने लगा है और आदिवासियों की अस्तित्व पर गंभीर स्थिति बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि मणिपुर में हो रही दिल दहलाने वाली घटनाओं से आदिवासी समाज में काफी रोष है, लेकिन सरकार ने आरोपियों के खिलाफ 90 दिन बीतने के बाद भी कोई प्रभावी कार्रवाई शुरू नहीं की।

मणिपुर में राजनीति से संरक्षण प्राप्त अपराधी आए दिन अत्याचारों की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों को लेकर फास्ट ट्रैक अदालत में कार्रवाई करने, आरोपियों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने, मणिपुर की संवेदनहीन सरकार को तुरंत बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने, समय रहते कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने, जानबूझकर षडयंत्र पूर्वक मणिपुर सरकार द्वारा स्वर्ण मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति के शामिल किया गया जो आदिवासियों के हक और अधिकारों को समाप्त करने का षड्यंत्र है, जिसे तुरंत अनुसूचित जनजाति से बाहर करने की मांग की गई।

इस मौके पर बलवीर छापोला, जगमाल मीणा, गोकुल चंद, सुरेश कुमार, रोहिताश कुमार, लक्ष्मी नारायण मीणा, ओमप्रकाश मीणा, ओमपाल मीणा, रामनिवास मीणा, अमर सिंह, आनंद कुमार, महावीर मीणा सहित समाज के अनेक लोग मौजूद थे।

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