झुंझुनूं-पिलानी : आजादी के अमृत महोत्सव पर पिलानी के मुख्य बाजार में नगरपालिका पिलानी की ओर से क्षेत्र के वीर शहीदों के नाम का शिलालेख लगाया गया, लेकिन इसमें नगरपालिका कितनी गंभीर रही इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर एक शहीद का शहादत दिवस ही गलत लिखा गया है। इसके साथ ही कार्यक्रम में किसी भी शहीद के परिजनों तक को नहीं बुलाया गया।
इन शहीदों के लिखे नाम
मेजर प्रदीप शर्मा, पिलानी
– 11 जून, 2004 को कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए थे।
शहीद कैप्टेन धनवंत शर्मा
– पिलानी ब्लॉक के मोरवा गांव के रहने वाले थे, श्रीनगर में 22 जून, 1994 को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए थे।
– शहीद सिपाही शीशराम नीमड़
मूल रूप से चूरू जिले के नौरंगपुरा गांव के रहने वाले थे, लेकिन बाद में पिलानी ही रहने लगे थे। कारगिल युद्ध के दौरान 6 जुलाई, 1999 को कश्मीर की मश्कोह घाटी में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
शहीद का शहादत दिवस गलत लिखा
हालांकि राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम के दौरान नगरपालिका की एक बड़ी चूक भी सामने आई। सिपाही शीशराम नीमड़ कारगिल युद्ध के दौरान 6 जुलाई, 1999 को शहीद हुए थे। नगरपालिका द्वारा बनवाए गए शिलालेख पर शहीद शीशराम की शहादत की तिथि 6 जुलाई, 1994 लिख दी गई है। शिलालेख के उद्घाटन से पहले और बाद में भी इस चूक की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। शिलालेख के उद्घाटन पर शहीद परिवारों के किसी भी सदस्य को नगरपालिका द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया, यह भी चर्चा का विषय रहा।
इस अवसर पर चेयरमैन हीरालाल नायक, ईओ प्रमोद कुमार जांगिड़, राजकुमार नायक, किशन भोमिया, ताराचन्द सैनी, फूल सिंह सैनी, नबील खान, पूर्व वाइस चेयरमैन प्रदीप चोटिया, राजेश फोरमैन, विनोद पटवारी और ओमप्रकाश स्वामी मौजूद थे।