झुंझुनूं-खेतड़ी : बबाई व जसरापुर के दो हाईग्रिड पावर जंक्शन भी अब नीमकाथाना जिले की ताकत बनेंगे

झुंझुनूं-खेतड़ी : नए जिलों से लोगों को प्रशासनिक रूप से फायदा होगा, लेकिन झुंझुनूं के दो बड़े पावर जंक्शन सहित खनिज संपदा व ऐतिहासिक धरोहर का बड़ा हिस्सा भी नीमकाथाना में चला जाएगा। नीमकाथाना जिले में खेतड़ी व उदयपुरवाटी क्षेत्र को शामिल करने से झुंझुनूं जिला भौगोलिक रूप से भी छोटा हुआ है। खेतड़ी तहसील के बबाई व जसरापुर में स्थित हाईग्रिड पावर जंक्शन भी अब झुंझुनूं जिले का हिस्सा नहीं रहे हैं।

इन दोनों जंक्शन से प्रदेश सहित हरियाणा, पंजाब व दिल्ली को भी बिजली सप्लाई होनी है। साथ ही बबाई में बनने रीको औद्योगिक क्षेत्र नीमकाथाना जिले का हिस्सा होगा। इसके विकास के लिए राज्य सरकार ने 8000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव लिए थे। इसका विकास भिवाड़ी की तर्ज पर किया जाना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 जून 2023 को ही इसका बबाई में शिलान्यास किया था। यह क्षेत्र एनसीआर के भी नजदीक है।

खेतड़ी क्षेत्र के बबाई व जसरापुर में बिजली के बड़े विद्युत स्टेशन हैं। बबाई व जसरापुर में 400 व 765 केवी हाइटेंशन बिजली लाइन के दो बड़े पावर जंक्शन बने हुए हैं। जसरापुर में 765 केवी का बना बिजली केंद्र सूरतगढ़ के बाद प्रदेश के सबसे बड़ा केंद्र है। यहां थर्मल प्लांट, सौर ऊर्जा की जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर जिलों से सूरतगढ़ से लाई गई बिजली को न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा, पंजाब व दिल्ली तक सप्लाई का बड़ा सेंटर है। अब यह सेंटर झुंझुनूं जिले की बजाय नीमकाथाना में रहेगा। इसी तरह बबाई में भी सूरतगढ़ से डबल सर्किट की हाइटेंशन लाइन के माध्यम से बिजली लाइन का 420 केवी का बड़ा स्टेशन है। यहां से भी न केवल राजस्थान बल्कि अन्य राज्यों में भी बिजली सप्लाई होती है। अब यह स्टेशन भी नीमकाथाना जिले में रहेगा। {खेतड़ी व उदयपुरवाटी के नीमकाथाना में जाने से अजीत सागर बांध, इलाखर बांध, तीजो वाला बांध, कोट बांध समेत कई ऐतिहासिक जलाशय भी अब नीमकाथाना में रहेंगे। {स्वामी विवेकानंद से जुड़ी यादों के लिए ऐतिहासिक धरोहर खेतड़ी अब नीमकाथाना में शामिल। उनकी याद में म्यूजियम व संग्रहालय अब नए जिले में शामिल हो गया।

भिवाड़ी के बाद दूसरा बड़ा इंडस्ट्रियल सेक्टर विकसित किया जा रहा बबाई अब नीमकाथाना का हिस्सा रहेगा। मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से बबाई में रीको घोषित किया। यहां कई बड़ी कंपनियां इंडस्ट्री के लिए आने वाली है। दिल्ली- नीमकाथाना मुंबई कॉरिडोर तथा एनसीआर के नजदीक होने से यह एरिया जल्द डवलप होने वाला है। लेकिन अब इसकी पहचान नीमकाथाना के रूप में होगी।

इसी तरह बबाई में लगा दुग्ध अवशीतन संयत्र भी अब झुंझुनूं की बजाय नीमकाथाना की शान बढ़ाएगा।

तांबे की खदान के लिए प्रसिद्ध कॉपर कॉम्प्लैक्स के साथ ही कोलिहान, चांदमारी, बनवास अन्य इलाकों में तांबे की खदानें है। यहां से तांबा देशभर में जाता है।

करमाड़ी, संजय नगर, ढोसी, गौरीर, इलाखर समेत खेतड़ी क्षेत्र में अनेक खदानें है। जहां पत्थर निकलते हैं। कई जगह क्रेशर बनी हुई है। इसी तरह खेतड़ी व उदयपुरवाटी के बाघोली, मणकसास, जहाज समेत अनेक इलाकों में बजरी व पत्थर का बड़े पैमाने पर खनन होता है। डीएमएफटी योजना के तहत खनन पर 10 प्रतिशत राशि विकास कार्यों के लिए मिलती है।

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