बांसवाड़ा : मानगढ़ धाम से सियासी मैसेज देगी राहुल-गहलोत की जोड़ी, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है आदिवासी बाहुल्य इलाका

बांसवाड़ा : राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को बड़ी जनसभा करेंगे। करीब दो लाख लोग उन्हें सुनने आएंगे, ऐसी संभावना है। यह इलाका आदिवासी बाहुल्य है, इस वजह से साफ है कि पूरा फोकस आदिवासियों पर रहेगा। राहुल गांधी और अशोक गहलोत तीर-कमान चलाकर और आदिवासी नृत्य में शामिल होकर विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में शिरकत  करेंगे। विधानसभा चुनावों के लिहाज से यह इलाका बेहद महत्वपूर्ण है। चार जिलों की 19 सीटों पर इस समय भाजपा का दबदबा है। उसके पास नौ सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के पास सात, बीटीपी के पास दो और एक निर्दलीय विधायक है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ा सियासी मैसेज चुनावी राज्य राजस्थान में देने आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ डोटासरा, राजस्थान प्रभारी रंधावा, तीनों सह-प्रभारी, गहलोत सरकार में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अर्जुन बामनिया, विधायक गणेश घोघरा समेत कई नेता, जिलाध्यक्ष, प्रभारी राहुल गांधी और सीएम गहलोत की जनसभा को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

अचानक नहीं बना है यह दौरा
राहुल गांधी का बांसवाड़ा से बेणेश्वर धाम का यह दौरा अचानक नहीं बना है। यह कांग्रेस की जीत की रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है। आदिवासी बाहुल्य चार जिलों की 19 विधानसभा सीटों में से 16 सीटें अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के लिए रिजर्व हैं। राजस्थान में एसटी रिजर्व कुल 25 सीटें हैं, उनमें से 16 सीटें इन चार जिलों में हैं। यह दक्षिणी राजस्थान के वागड़ में आती हैं। इसी वजह से भाजपा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मानगढ़ धाम में जनसभा करवाई थी।

वोट बैंक को साधने की कोशिश
मानगढ़ से लगे आदिवासी बाहुल्य चार ज़िलों में 19 सीटों पर नौ विधायक भाजपा के हैं। सात कांग्रेस, दो बीटीपी, एक निर्दलीय विधायक जीतकर आए। मौजूदा वक्त में यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस का परंपरागत आदिवासी वोट बैंक पिछले चुनावों में पार्टी से छिटककर बीजेपी के पाले में गया है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने इस वोटबैंक में सेंध लगाई है। कांग्रेस का फोकस आदिवासियों में खोए जनाधार को फिर से हासिल करने पर है।

बांसवाड़ाः पांच में कांग्रेस-भाजपा की दो-दो सीटें, एक निर्दलीय  
बांसवाड़ा के बागीदौरा (अजजा) से कांग्रेस के महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, बांसवाड़ा (अजजा) से कांग्रेस के अर्जुन सिंह बामनिया, गढ़ी (अजजा) से भाजपा के कैलाशचन्द्र मीणा, घाटोल (अजजा) से भाजपा के हरेन्द्र निनामा और कुशलगढ़ (अजजा) से निर्दलीय रमीला खड़िया विधायक हैं। कुल पांच सीटों में से दो कांग्रेस, दो बीजेपी और एक निर्दलीय विधायक है।

डूंगरपुरः दो पर बीटीपी, 1-1 सीट कांग्रेस और भाजपा की
डूंगरपुर की आसपुर (अजजा) सीट पर बीजेपी के गोपीचंद मीणा, चौरासी (अजजा) से बीटीपी के राजकुमार रोत, सागवाड़ा (अजजा) से बीटीपी के रामप्रसाद, डूंगरपुर (अजजा) से कांग्रेस के गणेश घोघरा विधायक हैं। कुल चार में से दो सीटों पर बीटीपी के और एक-एक सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के विधायक हैं।

प्रतापगढ़ः कांग्रेस के दो विधायक
प्रतापगढ़ के धरियावद (अजजा) से कांग्रेस के नगराज मीणा, प्रतापगढ़ (अजजा) से कांग्रेस के रामलाल मीणा विधायक हैं। जिले में दोनों विधायक कांग्रेसी हैं।

उदयपुरः भाजपा का दबदबा, आठ में से छह विधायक 
उदयपुर के गोगुन्दा (अजजा)  से भाजपा के प्रताप लाल भील (गमेती), झाडोल (अजजा) से भाजपा के बाबु लाल, मावलीसे भाजपा के धर्मनारायण जोशी, सलूम्बर (अजजा) से भाजपा के अमृतलाल मीणा,उदयपुर ग्रामीण (अजजा) से भाजपा के फूल सिंह मीणा विधायक हैं। उदयपुर सीट अभी वेकेंट चल रही है। यहां  से पूर्व विधायक गुलाबचंद कटारिया चुने गए थे। जो अब असम के राज्यपाल हैं। जबकि खैरवाड़ा (अजजा) से कांग्रेस के दयाराम परमार, वल्लभनगर से कांग्रेस की प्रीति गजेन्द्र सिंह शक्तावत विधायक हैं। कुल 8 में से 6 भाजपा और 2 ही विधायक कांग्रेस से चुने गए थे।

मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को भी सियासी संदेश
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीएम अशोक गहलोत की जोड़ी आदिवासियों के तीर्थ मानगढ़ धाम से बड़ा सियासी मैसेज राजस्थान के साथ ही पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और देशभर के आदिवासियों को देने की कोशिश करेगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। पड़ोसी राज्य गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा भी राजस्थान के साथ मानगढ़ धाम से लगती है। सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पिछले दिनों कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम आए, तो यहां के लोगों को उम्मीद थी कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिलेगा। वह ऐसी कोई घोषणा करके नहीं गए, इससे जनता को निराशा हाथ लगी। ऐसे में राज्य सरकार अपने स्तर पर मानगढ़ धाम के विकास के लिए बड़ी सौगात राहुल गांधी की सभा के दौरान दे सकती है।

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