Jhunjhunu New, Rajasthan: झुंझुनूं की किसान कॉलोनी निवासी, भंवरी शेखावत (Bhanwari Shekhawat) 54 साल की उम्र में ग्रेजुएट हो गई हैं. उन्होंने अपनी डिग्री 64% अंक से पास की. उनका कहना है कि अब वो इतिहास सब्जेक्ट से MA की पढ़ाई करेंगी. Bhanwari Shekhawat ने कहा कि उन्होंने किसी नौकरी के लिए ग्रेजुएशन नहीं किया. वो समाज को ये मैसेज देना चाहती हैं, कि कभी भी अपने जुनून को मरने नहीं देना चाहिए. हम अपने कैरियर में जो करना चाहते हैं, वो जरूर करना चाहिए.
झुंझुनूं की भंवरी ने पूरा किया अधूरा सपना
भंवरी शेखावत कहती हैं, कि उनके पिता मुंबई में सर्विस करते थे, उनका बचपन वहीं बीता. उन्होंने बताया कि उनकी 10वीं तक की पढ़ाई ठाणे (Thane) जिले में ही पूरी हुई. इसके बाद 11वीं की एजुकेशन साल 1987 में महाराष्ट्र (Maharashtra) की कल्याण से की. उन्होंने बताया, कि 1989 में शादी के बाद वह अपने मायके डाबड़ी धीर सिंह गांव आ गईं. इसके बाद उनकी पढ़ाई छूट गई और वो गृहस्थी में व्यस्त हो गईं. इस दौरान उनके पढ़ाई का जुनून कम नहीं हुआ. वो इसके लिए लगातार प्रयास करती रहीं, और साल 2023 में उनके ग्रेजुएशन करने का सालों का सपना पूरा हो गया.
भंवरी शेखावत ने किया था झुंझुनू में टॉप
भंवरी शेखावत याद करती हैं, कि 1986 में उन्होंने फर्स्ट डिविजन से 10वीं और 1987 में 11वीं पास की. वहीं, शादी के बाद उनके पति सुरेन्द्र सिंह शेखावत बीमार पड़ गए. इस बीमारी की वजह से उनका ऑपरेशन करवाना पड़ा. उन्होंने बताया कि एक कार्यक्रम के दौरान उनसे कुछ लोगों ने उनकी पढ़ाई के बारे में चर्चा की, तो उन्होंने खुद को 11वीं पास बताया. वो याद करती हैं, कि उन्हें खुद को ग्यारहवीं पास बताए जाने से अच्छा महसूस नहीं हुआ. जिसके बाद उन्होंने 33 साल बाद राजस्थान ओपन बोर्ड (Rajasthan Open Board) का फार्म भर दिया.
12वीं में 72%अंक हासिल करके साल 2020 में झुंझुनूं जिले में टॉप किया. जिसके बाद बोर्ड ने उन्हें मीरा अवार्ड और नकद राशि से पुरस्कृत किया. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने सीकर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि (Pandit Deendayal Upadhyay Shekhawati University) से नॉन कॉलेज के तौर पर में BA में एडमिशन लिया, और 54 साल की आयु में BA 64% अंकों से पास की.