जयपुर : जयपुर में रिश्वत लेते पकड़े गए अलवर और नीमराना के पीएचईडी अफसरों के मामले में एसीबी ने सभी आरोपियों को 10 अगस्त तक कोर्ट रिमांड पर ले लिया है। वहीं, एसीबी को जांच में दोनों अफसरों के साथ पकड़े गए ठेकेदार पदमचंद जैन के ऑफिस से बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों की सील मिली है। इनमें से कुछ मोहरें एमएनआईटी के एक्सपट्र्स की हैं।
ठेकेदार से एमएनआईटी के विशेषज्ञों की मोहर मिलने के मामले में एसीबी मंगलवार को जांच करेगी। साथ ही एक्सपट्र्स से मोहरों को लेकर पूछताछ करेगी।
इस मामले में अब तक तीन इंजीनियर समेत कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि एक व्यक्ति फरार है।
एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- ठेकेदार और सरकारी अधिकारियों के कार्यालय व घरों में अभी भी सर्च चल रहा है। अब तक की जांच में सामने आया है कि ठेकेदार के घर पर ही बिल बन कर तैयार होते थे। यहीं पर बैठकर बिलों पर अधिकारी साइन किया करते थे। ठेकेदार से पैसा लिया करते थे।
ये मोहर अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही यहां पर रखी गई थी। PHED के बहरोड़ ऑफिस में कार्यरत एक्सईएन मायालाल सैनी, एईएन राकेश चौहान, जेईएन प्रदीप, ठेकेदार पदमचंद जैन और ठेकेदार की कंपनी के कर्मचारी मलकेत सिंह व प्रवीण कुमार से पूछताछ चल रही है। इस रिश्वत कांड से जुड़ा एक ठेकेदार महेश मित्तल एसीबी की कार्रवाई के बाद से फरार है। महेश मित्तल के घर और ठिकानों पर देर रात तक एसीबी के अधिकारियों ने सर्च किया, जहां से भी एसीबी को कई जानकारी मिली हैं।
ठेकेदार के ऑफिस में जल जीवन मिशन के सरकारी दस्तावेज
ठेकेदार पदमचंद जैन के ऑफिस में सरकारी मोहर के साथ-साथ सरकार के जल जीवन मिशन के दस्तावेज भी मिले हैं। ठेकेदार और PHED का एक सीनियर अधिकारी अभी एसीबी की गिरफ्त में नहीं आया है। जो एसीबी की रडार पर है। एसीबी की पूछताछ में एक आरोपी ने बड़े घर का भी जिक्र किया है। वहां पर पैसा कैसे जाता है। उसकी जानकारी उन्हें नहीं है। जांच में तय हो गया है कि ठेकेदार के आवास पर पैसे का लेनदेन होता था। अधिकारी किस डर या दबाव से ठेकेदार पदमचंद जैन के कार्यालय में आकर साइन कर रिश्वत लिया करते थे, इसका खुलासा होना अभी बाकी है।
एसीबी के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया- एक ठेकेदार के आगे अधिकारियों का इस तरह से झुकने का कारण कोई भी समझ सकता है। आखिर ठेकेदार पदमचंद की इस विभाग में पिछले काफी समय से अच्छी पैठ रही है। उस पर कई नेताओं का हाथ रहा है। पदमचंद अपनी इसी पहुंच का फायदा उठाते हुए PHED के अधिकारियों के तबादले भी करवाता था। इससे भी ठेकेदार का विभाग में डर था।
ठेकेदार के घर था पूरा पीएचईडी कार्यालय
एसीबी को सर्च के दौरान ठेकेदार पदमचंद के पास जितने दस्तावेज मिले हैं। उतने डॉक्युमेंट एक एक्सईएन के ऑफिस में भी नहीं रहते हैं। पदमचंद के कार्यालय में सरकारी डायरी, नोट शीट, सरकारी मोहर (हर अधिकारी की), मेजरमेंट बुक और सरकारी फाइलें मिली हैं। ठेकेदार के घर से मिले इन दस्तावेजों से एसीबी को लग रहा था कि पूरा पीएचईडी विभाग चल रहा था।
ये है मामला
गौरतलब है कि एसीबी ने रविवार देर शाम 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में एक्सईएन मायालाल सैनी और जेईएन प्रदीप को गिरफ्तार किया था। साथ ही ठेकेदार पदमचंद जैन और उसकी कंपनी के दो कर्मचारी मलकेत सिंह व प्रवीण कुमार को भी पकड़ा था।