मंत्री राजेंद्र गुढ़ा : राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज शाम राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा राज्यपाल कलराज मिश्र से की थी। कुछ ही घंटों में राज्यपाल मिश्र ने गहलोत की इस अनुशंसा को स्वीकार कर लिया।
मंत्री गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी ही कांग्रेस सरकार को बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर घेरा था। उन्होंने कहा था कि ‘मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, क्योंकि राजस्थान मं हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए। राजेंद्र गुढ़ा को ये कोई पहला बयान नहीं था जिसमें उन्होंने अपनी ही कांग्रेस सरकार को घेरा हो। इससे पहले भी गुढ़ा कई बयान दे चुके हैं, जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी या फिर वे विवाद का कारण बने थे। आइए उनके विवादित बयानों पर नजर डालते हैं…
राजेंद्र गुढ़ा के पांच विवादित बयान…
- राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में कहा- ‘सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए और राजस्थान में जिस तरीके से महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।’
- सचिन पायलट की ओर से अजमेर से लेकर जयपुर तक निकाली गई जन संघर्ष यात्रा के समापन पर जयपुर के भांकरोटा में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार है।
- करीब 6 महीने पहले राजेंद्र सिंह गुढ़ा के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई थी। ग्राम पंचायत मेंबर गब्बर सिंह उर्फ दुर्गा सिंह ने गुढ़ा पर मारपीट और अपहरण करने का आरोप लगाया था। गब्बर कांग्रेस का कार्यकर्ता भी है। पुलिस की कार्रवाई पर गुढ़ा ने कहा था कि किसी विधायक या मंत्री के खिलाफ थाने में सीधे केस दर्ज हो जाना सोचने वाली बात है। मेरी वाइफ ने पहले ही कहा था कि पंगे मत लो? बच्चे छोटे हैं, सीएम जेल में डाल देंगे। गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल उठाते हुए कहा- राजस्थान के मुख्यमंत्री ही गृह मंत्री हैं। उन्हें अपने मंत्री पर इतना भी इकबाल नहीं कि इस मुकदमे से पहले मेरी जानकारी ले लेते कि मामला क्या है? मैंने पिछली सरकार में भी उनके साथ काम किया था और अभी भी कर रहा हूं। मंत्री पर कोई भी मुकदमा सीएम की जानकारी के बिना दर्ज नहीं हो सकता? होम मिनिस्ट्री भी उन्हीं के पास है।
- 26 दिसंबर 2020 को राजेंद्र गुढ़ा ने बड़ा ताना मारा था। दरअसल, गुढ़ा और 6 बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन, मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो रहा था और उन्हें मंत्री नहीं बनाया जा रहा था। इस दौरान विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर कहा था कि ‘शादी जवानी में ही अच्छी लगती है, बुढ़ापे में शादी का कोई अर्थ नहीं है। जवानी निकल रही है, कारण कुछ भी हो’। गुढ़ा ने इशारों में ही मंत्रिमंडल विस्तार में देरी होने की बात कह दी थी। राजेन्द्र गुढ़ा खुद मंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन, सचिन पायलट के दबाव और बसपा से आए विधायकों की जगह मूल कांग्रेस प्रत्याशियों को तवज्जो दिए जाने से राजेंद्र गुढ़ा नाराज थे। उन्होंने ये बयान तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी अजय माकन से मिलने के बाद दिया था।
- हाल ही में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था- सीता माता की सुंदरता की कोई कल्पना नहीं की जा सकती। उनके आकर्षण के कारण ही श्रीराम और रावण जैसे अद्भुत इंसान उनके पीछे पागल हो गए थे। ऐसे ही आजकल गहलोत और पायलट मेरे पीछे भाग रहे हैं, तो मेरे में कोई क्वालिटी होगी। लोग चर्चा कर रहे हैं कि गुढ़ा इस बार कौनसी पार्टी से टिकिट लाएगा। मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि मुझे तो मेरे कर्मों और चेहरे पर वोट मिलते हैं। किसी पार्टी के सिंबल से नहीं।
क्या इसलिए निपटाए गए राजेंद्र गुढ़ा?
अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने 2 जुलाई को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी। जिसकी जानकारी ओवैसी ने खुद सार्वजनिक की थी। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए ओवैसी से राजेंद्र गुढ़ा की मुलाकात के सियासी मायने पहले से लगाए जा रहे थे। बस एक मौके की तलाश थी। वैसे भी गुढ़ा पायलट खेमे के रहे हैं। इसलिए मौका आते ही सीएम अशोक गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से निपटा दिया।