झुंझुनूं : विश्व अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं द्वारा न्याय सबके लिए की परिकल्पना को साकार करने के लिए विभिन्न विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन किया

झुंझुनूं : विश्व अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं द्वारा न्याय सबके लिए की परिकल्पना को साकार करने के लिए विभिन्न विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दीक्षा सूद (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा राजस्थान पीडित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत अपराध से पीडित व्यक्ति को प्रतिकर दिलाने का कार्य भी किया जाता है। प्राधिकरण के कार्यालय में स्थाई लोक अदालत का संचालन भी होता है तथा प्राधिकरण द्वारा सभी थानो में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर, कॉलेजों, अस्पतालों में कानूनी सेवा क्लीनिकों की स्थापना की गई है इन पर प्राधिकरण के पैरालीगल वॅालटियर लगाए जाते है। उनके द्वारा लोगों को निशुःल्क विधिक सहायता दी जाती है।

विश्व अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं व सेठ मोती लाल विधि महाविद्यालय, झुंझुनूं के सहयोग से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. एन.के.वर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस का मुख्य उदेश्य विश्व के लोगों को नरसंहार, मानवता के विरूद्व अपराधों, युद्व अपराधों एवं आक्रामकता के अपराध से बचाना तथा न्याय का समर्थन करना एवं पीडितों के अधिकारों को बढावा देना है प्राधिकरण के अधिवक्ता ने बताया कि किस प्रकार पीडितोे तथा अभावग्रस्त व्यक्तियों केा निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त हो सकती है। इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता व जागरूकता रैली का आयोजन कर जागरूक किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में तालुका विधिक सेवा समिति, खेतडी में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रसूलपुर में निबंध प्रतियोगिता व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोगढ में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तालुका विधिक सेवा समिति, नवलगढ द्वारा डूंडलोद बालिका स्कूल तथा तालुका विधिक सेवा समिति, पिलानी व उदयपुरवाटी मे न्यायालय परिसर में अधिवक्ता द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजकीय किशोर एवं संप्रेशण गृह, झुंझुनूं में भी अधिवक्ता द्वारां जागरूकता शिविर का आयोजन कर नालसा व रालसा की विभिन्न स्कीमों, बाल विवाह रोकथाम अभियान, श्रम कानून, शराब और मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले जानलेवा प्रभावों, साक्षी संरक्षण, शिक्षा का अधिकार, जनउपयोगी सेवाओं, सपोर्ट टू सर्वाइवर, प्लास्टिक कैरी बैग रोकथाम आदि विषयों की भी जानकारी दी गयी।

जिला कारागृह, झुंझुंनू में भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर बंदियों को बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जेल में निरूद्ध बंदियों की जमानत अपीलें भी विचारण न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जरिए पैनल अधिवक्ता प्रस्तुत की जा सकती है ताकि सभी को समय से न्याय मिल सके। इसी के साथ यह भी बताया कि इस पावन अवसर पर हम सब से दृढ संकल्प लें कि आजीवन प्रत्येक प्राणाी जीव के लिए न्याय ही आधार हो, सुलभ हो, सहज हो, प्राथमिक हो और प्रासंगिक हो क्योंकि न्याय ही सफलता है, न्याय ही खुशहाली है न्याय ही जीवन की सार्थकता है।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं

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