बाड़मेर-चौहटन : 12वीं क्लास में पढ़ने वाले 17 साल के दलित स्टूडेंट को टीचर ने जमकर पीटा। आरोप है कि जातिसूचक शब्द भी बोले। सरकारी स्कूल में मटकी से पानी पीने के बाद टीचर ने लात मारी। लड़के के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामला बाड़मेर का है। इधर, टीचर का कहना है कि राजनीतिक व अन्य कारणों से मुझे परेशान किया जा रहा है। स्टूडेंट्स के साथ कभी मारपीट नहीं हुई है।
पानी पीते देखा तो टीचर ने की मारपीट
हायर सेकेंडरी स्कूल नेतराड़ चौहटन में पढ़ने वाले स्टूडेंट के पिता ने चौहटन थाने में मामला दर्ज करवाया है। मामला 3 जुलाई की सुबह 8 बजे का बताया गया है। इस दौरान बच्चा स्कूल के स्टाफ रूम में रखी मटकी से पानी पी रहा था।
आरोप है, स्कूल के टीचर डूंगराराम (52) आ गए और उसे पानी पीते देख गुस्सा हो गए। उसको बुलाया और लात, थप्पड़, मुक्के बरसाने लगे। उसके नाजुक अंग (गुप्तांग) पर लात मार दी। इससे वह नीचे गिर गया। स्कूल में पढ़ने वाले अन्य स्टूडेंट्स ने उसे उठाकर घर पहुंचाया।
परिवार वालों ने नाॅर्मल चोट लगने की बात सोचकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। दूसरे दिन यानी 4 जुलाई को दर्द ज्यादा होने पर भाई को जानकारी दी।
चौहटन डीएसपी धर्मेंद्र डूकिया ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। स्टूडेंट का मेडिकल करवा लिया है। मटकी से पानी पीने जैसे जो आरोप लगाए गए हैं, वो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगे।
नाबालिग ने घटना के बारे में अपने बड़े भाई को बताया था
बच्चे के भाई का कहना है कि मेरा भाई स्कूल में पानी पीने के लिए मटकी पर गया। तब टीचर डूंगराराम ने देख लिया और मारपीट की। हमें मालूम चला तो सोचा कि कम चोट लगी होगी लेकिन, सूजन बढ़ जाने पर हमने गुरुवार को चौहटन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। जातिसूचक शब्द भी बोले हैं।
टीचर ने कहा- किसी से मारपीट नहीं हुई
टीचर डूंगराराम ने कहा- मैंने सुना है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। सोमवार की बात है। स्कूल में प्रार्थना चल रही थी। मैंने उस स्टूडेंट को लाइन में लगने के लिए कहा। इसके अलावा कुछ भी नहीं कहा। गांव में सरपंच चुनावों की राजनीति या अन्य कई कारण की वजह से परेशान किया जा रहा है। बच्चों के साथ कभी भी मारपीट नहीं की और ना ही कोई जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया।
मामले को लेकर चौहटन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमराराम ने कहा- विडियो सामने आने के बाद हमें पता चला है। हमने 4 सदस्य की कमेटी बना दी है, जो शुक्रवार सुबह जाकर स्कूल के बच्चों और स्टाफ के बयान लेगी। उसके बाद ही पूरी कहानी स्पष्ट हो पाएगी।