झुंझुनू : सिलिकोसिस सहायता राशि के संबंध में दिशा निर्देश जारी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनू : पहाड़ों की चट्टानों को तोड़कर दो वक्त की रोटी की जुगत में सिलिकोसिस (silicosis disease) से ग्रसित श्रमिकों को अब सहायता की दरकार है। इनके पास और कोई ना रोजगार है और ना जरिया।

सिलिकोसिस के लक्षण
जिले कोटपूतली में सिलिकोसिस (silicosis disease side effects) पीड़ितों की संख्या ज्यादा है क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकतर लोगा खदानों, पत्थर तरासने, तोड़ने, क्रेसर, ईट भट्टों पर काम करते है। सांस के साथ उनके फेफड़ों में सिलिकोसिस के कण चले जाते हैं और वे इस जानलेवा बीमार की चपेट में आ जाते हैं। उन्हें सांस लेने में कठिनाई, खांसी आना, बुखार, भूख में कमी, सीने में दर्द, थकान आदि का शिकार हो जाते हैं।

सिलिकोसिस सहायता राशि जारी करने के संबंध में आ रही परेशानियों को दूर करते हुए विशेष योग्यजन निदेशालय की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अति. निदेशक डॉ. नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि ऑफलाईन सिलिकोसिस प्रमाण पत्रधारी जीवित सिलिकोसिस पीड़ितों के प्रकरण एवं जिन प्रकरणों में पीड़ित की मृत्यु हो गई है तथा उनके पास ऑफलाईन सिलिकोसिस प्रमाण पत्र थे तथा जनआधार प्रमाण पत्र का अभाव है तथा इनके जनआधार पीडित के जीवित न होने के कारण बनाये भी नहीं जा सकते है। ऎसे प्रकरणो को पोर्टल पर आवेदन कराए जाने के लिए राज सिलिकोसिस पोर्टल पर नवीन मॉड्यूल तैयार किया गया है।

सिलिकोसिस पीड़ित स्वयं के जनआधार के माध्यम से अथवा पीड़ित की मृत्यु होने की दशा में पीड़ित के नामित या विधिक उत्तराधिकारी ईमित्र के माध्यम से राज सिलिकोसिस पोर्टल पर ऑफलाईन सिलिकोसिस प्रमाण पत्र अपलोड करेगा। इसके बाद प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए मैप आईडी के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी के पास जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद जिला सिलिकोसिस नोडल अधिकारी (अति. जिला कलक्टर) को अग्रेषित होगा। इसके बाद अति. जिला कलक्टर द्वारा सिलिकोसिस सहायता राशि के संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर प्रकरणों को निदेशालय स्तर पर अग्रेषित किया जाएगा। निदेशालय स्तर से आवश्यक परीक्षण के बाद नियमानुसार सहायता राशि ऑनलाईन प्रक्रिया से जारी की जाएगी।

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