झुंझुनूं : कमजोर विद्यार्थियों के सपनों को पूरा करने में मददगार बने:पिछले 5 सालों में 1000 को दे चुके हैं 1 करोड़ की स्कॉलरशिप

झुंझुनूं : विदेश में खुद को एक मुकाम पर पहुंचाने के बाद अब प्रवासी युवा शेखावाटी के साथ प्रदेश के कमजोर विद्यार्थियों को उनके सपनों को पूरा करने में मददगार बन रहे हैं। ब्रिटेन के लंदन में बसे ये युवा प्रवासी पिछले 5 साल में प्रदेश के 1000 विद्यार्थियों को एक करोड़ की स्कॉलरशिप दे चुके हैं। इनकी मदद से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार बच्चे आईआईटी, मेडिकल और प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर पा रहे हैं।

दरअसल सरकारी स्कूलों में पढ़े और साधारण परिवारों के ये युवा अपनी मेहनत और दक्षता के कारण लंदन में बड़े बैंक और संस्थानों में अच्छे पदों पर कार्यरत हैं। खुद स्थापित होने के बाद शिक्षाविद् भामाशाह डॉ. घासीराम वर्मा की प्रेरणा से इन्होंने समाज को वापस लौटाने की मुहिम के तहत राजस्थानी चैरिटेबल ट्रस्ट यूके बनाया। जिसके जरिए वे हर महीने अपनी कमाई का एक हिस्सा एकत्रित करते हैं। इस मुहिम में लंदन में रहने वाले 23 युवा शामिल हो चुके हैं। ये युवा समाज के वंचित वर्ग के विद्यार्थियों की मदद में जुटे हैं।

वे 2030 तक 10 हजार विद्यार्थियों तक 10 करोड़ रुपए मदद पहुंचाने का लक्ष्य लिया है। लंदन में इन्होंने विद्यार्थियों की मदद के लिए प्रवासी राजस्थानियों के लिए घूमर का आयोजन किया। जिले के सीगड़ा के रहने वाले सुरजीत ढाका का चयन अमेरिका जेपी मार्गन बैंक में 2007 में हुआ और उनको लंदन में ज्वाइनिंग दी गई। वे बैंक के वाइस प्रेसीडेंट बन गए। उन्‍होंने अपने स्तर पर मंडावा व झुंझुनूं की नौ स्कूलों में वेतन से 75 फीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने की पहल की।

करीब दो साल बाद उनकी पत्नी बिंदू चौधरी भी उनकी मुहिम में शामिल हो गईं। उनके काम की चर्चा सुनकर झुंझुनूं के लंदन प्रवासी युवा सुरेश कुमार, अनिल कुल्हार, बबीता चाहर व सीकर के राजेन्द्र कड़वासरा, विनोद नेहरा, रचना ढाका जुड़ गए। हनुमानगढ़ के भूपेंद्र सहारण, पाली की चारुलता राजपुरोहित व जयपुर के रामचंद्र घासल ने प्रदेश के जरूरतमंद विद्यार्थियों की मदद के लिए ट्रस्ट का गठन किया और उसके जरिए मदद करने के कार्य का आगे बढ़ाया। इसके अलावा वे खुद हर महीने अपनी सैलरी की 10% रकम हर महीने ट्रस्ट में जमा कर रहे हैं। यूके सरकार से भी मदद ले रहे हैं।

लंदन के प्रवासी बैंकर सुरजीत ढाका बताते हैं कि ट्रस्ट के जरिए अब तक 1000 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जा चुकी है। प्रदेश के 10 सरकारी विद्यालय गोद लेकर उनमें 10वीं कक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दे रहे हैं।

झुंझुनूं समेत अन्य जिलों में 1000 विद्यार्थियों को इस अभियान में मदद दे चुके हैं। सीकर की रचना ढाका ने बताया कि प्रदेश के 15 विद्यार्थी आईआईटी, एमबीबीएस व इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। 43 विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्स की कोचिंग के लिए पूरी फीस दी जा रही है। ट्रस्ट के जरिए 23 विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ मूक बधिर, नेत्रहीन व दिव्यांग बच्चों को लैपटॉप व फीस आदि की मदद दी जा रही है।

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