झुंझुनूं : आवारा कुत्तों का आतंक:हर महिने 500 से ज्यादा लोगों पर हमला, एसपी की पत्नी भी हुई शिकार, सार्वजनिक स्थलों पर सबसे ज्यादा हमले

झुंझुनूं : शहर में कुत्तों का कुनबा बढ़ रहा है। स्ट्रीट डॉग प्रतिमाह 500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हर दिन दस- पन्द्रह मरीज को डॉग बाइट के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। कुत्ता काटने के आंकड़े लोगों को डरा रहे हैं। वहीं नगर परिषद के जिम्मेदार आराम फरमा रहे हैं। हैरत की बात ये है कि सार्वजनिक स्थलों पर कुत्ते अधिक लोगों पर हमला कर रहे हैं।

शहर के इंदिरा नगर, हाउसिंग बोर्ड, मान नगर, हवाई पट्टी, कलेक्ट्रेट, किसान कॉलोनी, रोडवेज बस डिपो के पीछे, बसंत विहार, पुलिस लाइन के अलावा चौराहों पर सर्वाधिक कुत्ते घूम रहे हैं।

पोश इलाके में SP की पत्नी पर कुत्ते का हमला

अभी पांच दिन पहले ही अपने घर से बाहर टहल रही एसपी मृदुल कच्छावा की पत्नी पर कुत्ते ने हमला कर दिया। उसके बाद उनका राजकीय बीडीके अस्पताल में इलाज करवाया गया। इसी तरह लगभग दस दिन पहले रात को शहर में गश्त कर रहे कॉस्टेबल अजय कुमार खीचड़ को शहर के छावनी बाजार में एक आवारा कुत्ते ने काट लिया। शनिवार को घर के बाहर खेल रहे 14 वर्ष के पीयूष को कुत्ते ने काट लिया, इसके बाद पीयूष को बीडीके अस्पताल लेकर पहुंचे, बुगाला की विनोद को कुत्ते ने काटा तो इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंची। सरकारी व निजी अस्पतालों में 10 से 15 लोग इसके शिकार पहुंच रहे हैं। वार्डों में भी कुत्तों का आतंक है। परिषद के कंट्रोल रूम पर रोज शिकायतें दर्ज हो रही हैं पर कार्रवाई नाम की है।

कुत्तों की इस तरह बढ़ रही संख्या

पिछले ढ़ाई साल से रेबीज रोकथाम को लेकर काम रहे प्रिंस रेबीज रोकथाम संस्थान के शैतानराम मीणा ने बताया कि इस समय झुंझुनूं शहर में आवारा व पालतु कुत्तों की संख्या लगभग 15 हजार से अधिक है। उन्होंने बताया कि इनकी संख्या बढ़ने का सबसे कारण आवारा पशु अधिनियम के तहत नगर निकायों के द्वारा समय पर नसबंदी नहीं करना है।

इनके मुताबिक एक स्वस्थ डॉगी साल में दो बार बच्चे दे सकती है। एक बार में छह से आठ बच्चें होते हैं। ऐसे में एक डॉगी अपनी 12 से 14 साल की आयु तक 120 से 140 बच्चों तक जन्म देती है। जानकारों का कहना है कि यह संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो आगामी पांच साल में इनकी संख्या 50 हजार से पार पहुंच सकती है।

कुत्ता काटने के कारण

गर्मी में पानी न मिलने के कारण कुत्ते इधर-उधर भटकते हैं। साथ ही खाना आदि भी नहीं मिलता है तो वह गुस्से में लोगों को काटते हैं।

बाहर के कुत्ते किसी कॉलोनी में प्रवेश करते हैं तो वह लोगों की पहचान नहीं कर पाते। ऐसे में वह हमला करते हैं।

कुत्ते पागल होने की स्थिति में भी काटते हैं।

कुत्ते का हीट पीरियड बारिश में शुरू होता है। ऐसी स्थिति में भी वह काटते हैं।

अभियान चलाकर की जा रही है कार्रवाई

नगर परिषद आयुक्त दिलीप पूनियां ने बताया कि कुत्ता काटने की शिकायतें मिली हैं। अभियान चला रखा है। नेहरू पार्क, गांधी चौक, बस स्टैण्ड़ सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों से कुत्तों को पकड़ा है, 500 के करीब कुत्तां को वैक्सीनेशन किया है। कार्रवाई जारी है।

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