जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : कर्नाटक के चुनावी परिणामों ने भाजपा को सकते मे ला दिया है । प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां व रोड शो भी भाजपा की हार को नहीं टाल सके वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट विजय भारद्वाज के नेतृत्व में राजस्थान में पूरा संगठन सक्रिय हो करके वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री कार्यकाल का कर रहे हैं प्रचार प्रसार कर्नाटक के परिणामों के मध्यनजर वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश प्रमुख महामंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश बसावतिया ने अपनी पहली प्रतिक्रिया के साथ ही केन्द्रीय नेतृत्व से मांग की है कि कर्नाटक में हार का मुख्य कारण स्थानीय नेताओं को तब्बजो नहीं देना रहा इसको लेकर केन्द्रीय नेतृत्व को वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने में समय नही लगाना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान में हर वर्ग, धर्म व जाति के मतदाताओं तक सीधी पहुंच होने के साथ ही राजस्थान भाजपा की सर्वमान्य नेता हैं ।
गहलोत सरकार के जंगलराज, बिजली पानी व अपराधियों की शरणस्थली बनने के साथ ही रोजाना पेपर लीक के साथ ही राजस्थान के बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया है । राजस्थान में उनकी लोकप्रियता का करिश्मा उनकी जनसभाओं में उमड़े जनसैलाब से देखकर ही लगाया जा सकता है । राजस्थान की जनता की आकांक्षा है कि वह प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वसुंधरा राजे को देखने को आतुर है इसका मूल कारण है कि राजे के कार्यकाल में लागू जनकल्याणकारी योजनाओं को भुला नहीं पाई है । बसावतिया ने इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी, राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह व राजस्थान भाजपा प्रभारी अरूण सिंह से मांग की है कि अविलंब वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए जिससे कर्नाटक वाली स्थिति से बचा जा सके । गहलोत सरकार की नाकामियो व घोषणापत्र में किए गए वादे पूरे न करने के कारण आमजन आक्रोशित हैं इसका फायदा भाजपा को उठाना होगा यह तभी संभव हो सकता है जब पार्टी एकजुटता से चुनावी समर मे कूदे । एकजुटता के लिए राजस्थान में सबसे पहले वसुंधरा राजे का नाम आता है ।