जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-चिड़ावा : शरीर रथ है, इसे भक्ति के माध्यम से परमात्मा तक पहुंचाएं, वर्ना इस शरीर का कोई मोल नहीं है। ईश्वर ने मनुष्य जीवन दिया है, इसे सत्कर्म में लगाएं। ये प्रवचन प्रसिद्ध कथावाचक दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से विभूषित वाणीभूषण पंडित प्रभु शरण तिवाड़ी ने शहर के सनातन आश्रम पोद्दार पार्क में प्रवासी उद्योगपति कस्तूर चंद गुप्ता फतेहपुरिया परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत पंचदशाह पारायण महोत्सव के दूसरे दिन कहे।। पंडित तिवाड़ी ने कहा कि जीव मात्र के कल्याण का कारक भक्ति है। निष्ठा के साथ भक्ति कर ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव जगाना होगा तभी ईश्वरीय तत्व की प्राप्ति संभव हो सकेगी।
कथा के प्रारंभ में यजमान कस्तूरी चंद-सुलोचना गुप्ता, राजेश- रश्मी गुप्ता ने भागवत, व्यास और शुकदेव पूजन किया। कथा श्रवण के लिए आई पालिकाध्यक्ष सुमित्रा सैनी, क्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष मुकेश सैनी, चिड़ावा सहकारी समिति उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह रावणा, श्री मेढ़ स्वर्णकार समाज अध्यक्ष राजेश सोनी और पार्षद प्रतिनिधि मनोज महमिया का अभिनंदन किया गया। इस दौरान झण्डी प्रसाद हिम्मतरामका, पवन शर्मा ढाणी वाला, रत्तीराम राजोतिया, देवकीनंदन महमियां, गिरधर गोपाल महमिया, संजीव-राजीव व्यास, अश्विन सांवरमल तिवाड़ी, रामसिंह देग सहित काफी गणमान्यजन मौजूद रहे।