Manipur Violence : हिंसा प्रभावित मणिपुर में सेना-असम राइफल्स ने 4,000 लोगों को बचाया, मैरी कॉम ने केंद्र सरकार से की ये अपील

Manipur Violence : अनुसूचित जनजाति (ST) में मेइती को शामिल करने की मांग को लेकर मणिपुर में भारी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसके चलते 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट बैन कर दिय गया है। वहीं, हिंसा पर क़ाबू के लिए सेना और असम रायफल्स को तैनात किया गया है।बताया जा रहा है कि हिंसा प्रभावित इलाकों से करीब 4000 लोगों को सेना और असम राइफल्स के जवानों ने बचाया है। उधर, हिंसा के बाद राज्य के कई जिलों में स्थिति काफी खराब है। पूर्व राज्यसभा सांसद और बॉक्सर मैरी कॉम ने केंद्र सरकार से अपील की है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मैरी कॉम ने कहा कि अभी स्थिति बहुत बुरी है और मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं। मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया।

वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं। राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है।

आखिर क्या है पूरा मामला, क्यों जल रहा मणिपुर?

बता दें कि बुधवार को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) की ओर से मार्च बुलाया गया था। मार्च बुलाने का उद्देश्य मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग का विरोध करना था। मार्च के दौरान चुराचांदपुर में हिंसा भड़क गई, जिसके बाद पुलिस ने काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर के अलावा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

बता दें कि मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी जिलों में रहता है। इस समुदाय का दावा है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठ के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

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