World Asthma Day 2023: द ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) एक विश्व स्वास्थ्य सहयोगी संगठन है. इसकी स्थापना 1993 में हुई थी. वैश्विक लेवल पर अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जीआईएनए विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन करता है. अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है, अस्थमा के दौरे को कम करने और रोकने के लिए अस्थमा को मैनेज करना संभव है, जिसे एपिसोड या एक्ससेर्बेशन के रूप में भी जाना जाता है. हर साल यह कार्यक्रम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा दुनिया भर में पुरानी सांस की बीमारी अस्थमा, इसकी सावधानियों, रोकथाम और देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है. आजकल यह रोग बच्चों में भी होने लगा है। प्रत्येक वर्ष के मई माह की प्रथम मंगलवार को मनाया जाता है, विश्व अस्थमा दिवस पिछले 11 वर्षों से मनाया जा रहा है। 1.Global initiative for asthma (GINA), 2.US-based national heart lung and blood Institute (NHLB ), 3.world asthma foundation इन तीनों संगठनों के संयुक्त तत्वाधान से मनाया जाता है इससे एक Annual Theme के साथ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य :-आम जन में अस्थमा के बारे में जागरूकता पैदा करना है। अस्थमा फेफड़ों से संबंधित एक लंबी बीमारी है इस बीमारी से स्वाँस नली में शूजन आ जाती है और व्यक्ति को स्वाँस लेने में तक़लीफ़ हो जाती है।
विश्व अस्थमा दिवस 2023 की थीम
विश्व अस्थमा दिवस 2022 की थीम “अस्थमा की देखभाल सभी के लिए” है. इस दिन द ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ हेल्थ (जीआईएनए) अस्थमा को डायग्नोस करने और उपचार के लिए दुनिया भर में जांच शिविर आयोजित करता है.
विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास
1998 में बार्सिलोना स्पेन में 35 से ज्यादा देशों में पहला विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया. जैसे-जैसे भागीदारी बढ़ती है, यह दिन दुनिया का सबसे जरूरी अस्थमा जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रम बन गया है. इसका उद्देश्य लोगों को इस श्वसन समस्या और अन्य एलर्जी रोगों को कंट्रोल करने के बारे में शिक्षित करना है.
अस्थमा के लक्षण
1.श्वास छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज़ आना
2.रात को श्वास में तक़लीफ ज़्यादा होना
3.परिवार में किसी को अस्थमा ऐलर्जी की शिकायत होना
4.मोषम में बदलाव एवं धूल से श्वास में तक़लीफ या खाँसी ज़्यादा होना है
अस्थमा के कारण
1. आनुवंशिक बच्चे जो प्रीटर्म है या ओपरेशन से पैदा होते हैं
2. वायु प्रदूषण ः-चूल्हे का धुआँ ,धूप अगरबत्ती ,पटाखे ,वाहनों का धुआँ
3. परिवार में कोई सदस्य धूम्रपान करता हो
4. मोटापा एवं fast food खाने से
5. घर की दीवारों में सीलन ,नमी , फंगस
6. व्यवसाय ः- Carpainter ,Painter बेकरी worker
- इनमें से धूल सबसे प्रमुख कारण हैं
ग्लोबल बर्डन डिजीज स्टडी में भारत में अस्थमा की स्थिति
भारत में 34.3 मिलियन लोग अस्थमा से ही पीड़ित हैं।
भारत में अस्थमा से मृत्यु दर 13.2 प्रति हज़ार रोगी है
भारत वर्ष में 3.16 percent बच्चे, 3.3 percent वयस्क अस्थमा से ग्रस्तहै
जबकि राजस्थान में 1.86% हैं, अस्थमा बढ़ने का मुख्य कारण शहरीकरण है
ग्लोबल अस्थमा नेटवर्क स्टडी में 75-80% अस्थमा मरीज़ को अपनी बीमारी का पता ही नहीं है
अस्थमा रोग महिलायें में पुरूषों से ज़्यादा है
अस्थमा मरीज़ ऐसे रखें अपना ख़्याल :
1. बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण के दौरान अपना इन्हेलर साथ लेकर चलें
2. मुख्य सड़क, रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंड ,कार पार्किंग , जयादा भीड़ भाड़ वाली ,ज़्यादा प्रदूषित जगहों पर जाने से बचें
3. समय पर दवाई इन्हेलर लेवें
4. पौष्टिकआहार का सेवन करें
5. Steam therapy की मदद लें
6. अगर ज़रूरी हो तभी बाहर निकलें
7. हर समय मास्क लगाए रखे
8. स्वाँस में ज़्यादा परेशानी होने परतुरंत चिकित्सक की सलाह लेवे
इन्हेलर पीने की शिरप एवं गोलियों से बेहतर है क्योंकि
1. इन्हेलर से दवा सीधे फेफड़ो व स्वाँस नली यानी तक़लीफ़ की जगह तक पहुँचती है जैसे की चमड़ी पर लगाने की दवाई या आँखों में डालने की eye drop.
2. इन्हेलर जल्दी असर दिखाते हैं
3. इनहेलर में कम दवाई की मात्रा की ज़रूरत होती है
4. इन्हेलर में बहूत कम या कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है
5. इन्हेलर लम्बे समय तक असरदायक होता हैं
अस्थमा के संभावित रोगी चिकित्सक की सलाह के अनुसार x-ray chest, blood investigation, lung function test ( spirometer, peak flow meter ) जाँच करवायें
विशेष : अस्थमा रोग का इलाज पूर्णतया संभव है अतः चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवाई इन्हेलर एवं फेफड़ों की exercise करें
अस्थमा के इलाज में निम्न भ्रांतियां हैं जिन्हें दूर करनी चाहिए
1.अस्थमा में इनहेलर लेने से इसकी आदत हो जाती है ये मात्र एक भ्रांति है
2. इन्हेलर लेने से बहुत ज़्यादा side effect होते हैं वह फेफड़े कमज़ोर हो जाते हैं ये एक भ्रांति है
अस्थमा के दौरे के समय क्या करे
1. सीधे लेटे, शांति से लेटे
2. देरी किए बिना इन्हेलर डॉक्टर की बतायी गई मात्रा अनुसार लेवे
3. 5 minute के लिए रुके अगर कोई सुधार न हो तो दोबारा उतनी ही मात्रा में इनहेलर लें
5. अगर आपको फिर भी राहत ना मिले तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें
फिजीशियन एवं अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कैलाश राहड़ के अनुसार अस्थमा का पूर्णतया इलाज सम्भव है, बदलते मोषम एवं वायु प्रदूषण के चलते अस्थमा रोगी विशेष सावधानी बरतें एवं थोड़ी सी परेशानी होने पर तुरंत इन्हेलर लेवे एवं तक़लीफ़ ज़्यादा होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेंवे। अस्थमा की सबसे कारगर दवा इन्हेलर है इसके बहुत कम side effect है। इससे किसी भी प्रकार की आदत नहीं होती है। इन्हेलर अस्थमा के इलाज का सबसे सुरक्षित एवं सबसे प्रभावी तरीक़ा है।
डॉ कैलाश राहड़, सीनियर फिजिशियन एवं अस्थमा रोग विशेषज्ञ, बी डी के ज़िला अस्पताल, झुंझुनूं