नई दिल्ली : दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में हरियाणा की खाप पंचायतें 27 अप्रैल को दिल्ली पहुंचेंगी। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे रेसलर्स में शामिल बजरंग पूनिया ने खाप पंचायतों से साथ देने की अपील की थी।
24 अप्रैल को पूनिया ने कहा, ‘पिछली बार हमसे भूल हो गई थी। हम खिलाड़ी हैं, हमें राजनीति नहीं आती। आज हमें आपकी जरूरत है, हमारा साथ दें। इतने बड़े खिलाड़ी धरने पर हैं। अब कुछ नहीं हुआ, तो कभी नहीं होगा। हमारी बहन-बेटियों की लड़ाई में साथ आएं। ये लड़ाई एक बाहुबली के खिलाफ है।’
खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को एक तदर्थ (एड-हॉक) समिति बनाने का निर्देश दिया है, जो अपने गठन के 45 दिनों के भीतर कार्यकारी समिति के चुनाव कराने और दिन प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करेगी। प्रबंधन में एथलीटों के चयन, इंटरनेशनल चैंपियनशिप के आवेदन जमा करना आदि काम शामिल हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ एक तदर्थ समिति का गठन करेगा जो अपने गठन के 45 दिनों के भीतर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने और WFI के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करेगी। pic.twitter.com/wI6SBpRLxj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2023
25 अप्रैल की शाम होते-होते कई खाप पंचायतें एक्टिव हो गईं। मीटिंग होने लगी। फैसला हुआ कि जंतर-मंतर जाकर पहलवानों का सपोर्ट करेंगे। कुछ पंचायतें अब भी बुलावे का इंतजार कर रही हैं। हालांकि पहलवानों के सपोर्ट पर सब एकराय हैं।
पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, 28 अप्रैल को सुनवाई
हरियाणा की अलग-अलग खापों को मिलाकर बनी सर्वखाप पंचायत के प्रवक्ता जगबीर मलिक कहते हैं, ‘हम अपनी बेटियों के साथ हैं। वे जंतर-मंतर पर बैठकर रो रही हैं। उनके साथ कुछ तो जरूर हुआ है। वे पहलवान हैं, ऐसे बैठकर नहीं रोतीं। सारी खाप पंचायतें उनके साथ हैं। झज्जर, रोहतक, सोनीपत और बाकी पंचायतों से बात करेंगे।’
BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सिंह पर 7 पहलवानों ने सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है। प्रोटेस्ट कर रहे रेसलर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उनकी याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लड़कियों के नाम ज्यूडिशियल रिकॉर्ड से हटाने के लिए कहा है, ताकि उनकी पहचान सामने न आए। कोर्ट ने कहा, ‘पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पर विचार करने की जरूरत है।’
1430 गांव वाली सबसे बड़ी खाप पहलवानों के साथ
सर्वखाप के प्रवक्ता जगबीर मलिक, मलिक खाप के भी प्रवक्ता हैं। ये देश की सबसे बड़ी खाप पंचायत है। इसमें हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के 1430 गांव आते हैं। जनवरी में भी पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था। तब खाप पंचायतें इससे दूर रही थीं।
इस पर जगबीर मलिक कहते हैं, ‘हमें लगा था इंटरनेशनल और नेशनल लेवल की कमेटी बन रही है। सही जांच होगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ तो पहलवान फिर धरने पर आ गए। अब इस लड़ाई में हम उनके साथ हैं।’
52 गांव की नैन खाप ने कहा- बेटियों को अकेला नहीं छोड़ेंगे
नैन खाप में हिसार, जींद और झज्जर के 52 गांव आते हैं। खाप के प्रधान नफे सिंह काफी बुजुर्ग हैं। उन्हें सुनाई भी कम देता है, लेकिन फोन पर उन्होंने एक बात साफ कही कि ‘हम पहलवानों के साथ हैं। उनके लिए आंदोलन करेंगे।’
वे सुन नहीं पा रहे थे, इसलिए मैंने उनके करीब बैठे नैन खाप के एक सदस्य से बात शुरू की। वे बोले, ‘हमारा फुल सपोर्ट है। हम हर तरह से उनके साथ हैं। बुलाएंगे तो दिल्ली जाएंगे, कहेंगे तो यहीं आंदोलन करेंगे। वे हमारी बेटियां हैं। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे।’
खाप पंचायतों ने सबूत नहीं देखे, लेकिन पहलवानों पर भरोसा
सर्वखाप के प्रवक्ता जगबीर मलिक से मैंने पूछा कि आप पहलवानों का साथ दे रहे हैं, क्या आपने सबूत देख लिए हैं, वो शिकायत देखी है, जो पहलवानों ने ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दी है। जवाब मिला, ’हमारे लोग पहलवानों से मिले हैं। कोई कागज हमारे पास नहीं है।’ नैन खाप और 30 गांव वाली भनवाला खाप का जवाब भी यही था।
3 महीने में दूसरी बार पहलवान धरने पर
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत 30 पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था। विनेश फोगाट ने आरोप लगाए थे कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। आरोपों की जांच के लिए दो कमेटियां बनाई गई थीं। इसके बाद पहलवानों ने प्रोटेस्ट खत्म कर दिया था। 23 अप्रैल को वे फिर से धरने पर बैठ गए।
FIR न करने पर दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज न करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है। 7 महिला रेसलर्स ने सोमवार को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी।
पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘हमने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की है। गंभीर आरोपों के बावजूद दिल्ली पुलिस FIR नहीं कर रही थी। CJI ने मामले को गंभीर पाया, उन्होंने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।’
बबीता फोगाट ने कहा- आरोपी की जांच ठीक से नहीं हुई
बृजभूषण शरण सिंह पर लग रहे आरोपों की जांच कर रही कमेटी की मेंबर बबीता फोगाट ने कहा है कि जांच रिपोर्ट सभी की सहमति के साथ नहीं बनी है। कमेटी के सदस्यों ने जांच भी ठीक से नहीं की। मैं जांच रिपोर्ट पढ़ रही थी, तभी साई निदेशक राधिका श्रीमन ने रिपोर्ट छीन ली। मेरे साथ बदतमीजी की। मैंने अपनी आपत्ति रिपोर्ट में दर्ज करवाई है।
कुश्ती संघ अध्यक्ष पर शारीरिक शोषण का आरोप
पहलवान वीनेश फोगाट समेत सात पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पहलवानों का आरोप है कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। लेकिन अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है।
पहलवानों ने कहा कि लोग हमें झूठा समझने लगे हैं। हम हारकर वापस आने को मजबूर हुए। हमारा धरना न्याय मिलने तक जारी रहेगा।
Vinesh Phogat and seven other wrestlers move Supreme Court seeking registration of FIR against Wrestling Federation of India (WFI) president, Brij Bhushan Singh pic.twitter.com/D7ptm2DSbf
— ANI (@ANI) April 24, 2023
जनवरी में किया था पहली बार प्रदर्शन
जनवरी में पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था। तब पहलवानों ने कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है। लेकिन चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर पहलवानों से मुलाकात की थी और आरोपों को ‘गंभीर’ बताया था।
मैरीकॉम की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की थी जांच
खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और उसे एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में दो सप्ताह की समय सीमा बढ़ा दी गई और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया।
समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश की। लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।
सांसद ने आरोपों से का किया था खंडन
वहीं, सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों का खंडन किया है। जनवरी में एएनआई से बातचीत में उनका कहना था कि यौन उत्पीड़न के सभी आरोप झूठे हैं, और अगर वे सही पाए गए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। महासंघ ने कहा कि जिन एथलीटों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, उनका एक छिपा हुआ एजेंडा है।
अफसोस की बात है कि जिन खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है, वे धरने पर बैठे हैं। उनको न्याय मिलना चाहिए, अगर वे समर्थन मांगते हैं तो हम समर्थन भी देंगे। मैं खिलाड़ियों के हित में हूं, उनके हितों की लड़ाई लड़ता हूं किसी को ग़लत नहीं कहता हूं: WFI प्रमुख के खिलाफ पहलवानों के… pic.twitter.com/AcFm2ZMYDp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2023
पहलवानों के समर्थन में उतरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा
पहलवानों के प्रदर्शन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अफसोस की बात है कि जिन खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है, वे धरने पर बैठे हैं। उनको न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे समर्थन मांगते हैं तो हम समर्थन भी देंगे। मैं खिलाड़ियों के हित में हूं, उनके हितों की लड़ाई लड़ता हूं किसी को गलत नहीं कहता हूं।