जयपुर : प्रदेश में 19 नये जिलों की घोषणा की गई है। इसमें जयपुर शहर को भी जयपुर उत्तर और दक्षिण में बांटा गया है। सरकार के इस निर्णय का विरोध तेज हो गया है। सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद कहा है कि जयपुर का बंटवारा नहीं होने देंगे। इस संबंध में सीएम से बात की जाएगी। खाचरियावास के साथ ही विपक्ष के विधायक भी इस निर्णय के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।
सराफ ने लिखा है कि मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि जयपुर शहर की जन भावना, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत, शहर के चहुंमुखी विकास को ध्यान में रखकर जयपुर शहर को दो जिलों में विभाजित ना करके एक ही जिला रखा जाए। राज्य सरकार ने पूर्व में भी अविवेकपूर्ण निर्णय लेकर जयपुर नगर निगम को दो भागों में बांट कर जयपुर हेरिटेज एवं जयपुर ग्रेटर नगर निगम में विभाजित किया। जिसके कारण शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सीवर लाइनें बह रही है। ऐसा लगता है कि जयपुर शहर का कोई धणीधोरी नहीं है।
उन्होंने कहा कि आपने तो जयपुर शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी और प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेशजी को भी विभाजित करने का कार्य किया है। जिससे जनता में आक्रोश व्याप्त है। अब आप यदि जयपुर शहर को 2 जिलों में विभाजित करेंगे तो शहर की जनता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी। इसलिए इस अविवेकपूर्ण निर्णय को वापस लेकर जयपुर शहर को एक ही जिला घोषित करें।अन्यथा शहर की जनता आंदोलन करने को मजबूर होगी। जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।’