पाली : खदान में गिरा पत्थर, 2 की मौत:दो श्रमिक की दबने से मौत, बाकी ने भागकर बचाई जान

पाली : पाली में रविवार को पत्थरों की माइंस में अचानक भारी पत्थर गिर गया। जिसके नीचे दबने से 2 श्रमिकों की दर्दनाक मौत हो गई और एक जना गंभीर घायल हो गया। काम कर रहे अन्य श्रमिकों ने भागकर अपनी जान बचाई। मृतकों के शव पाली के बांगड़ हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाए हैं और घायल का उपचार जारी है।

पाली के बालेलाव के निकट माइंस में हादसा होने से मरे श्रमिक की बॉडी।
पाली के बालेलाव के निकट माइंस में हादसा होने से मरे श्रमिक की बॉडी।

हादसा पाली के सदर थाना क्षेत्र के भालेलाव गांव के निकट भगवानसहाय की पत्थर की माइंस में रविवार सुबह करीब 11 बजे हुआ। हमेशा की तरह करीब 7-8 मजदूर यहां काम कर रहे थे। अचानक एक भारी पत्थर कई फीट की ऊंचाई से माइंस में गिरा। नीचे काम कर रहे मजदूर जब तक समझते पत्थर उनके ऊपर आकर गिर गया। पत्थर के नीचे दबने से झुंझुंनु जिले क नार सिघांनी (मुकनगढ़) निवासी मजदूर 20 साल के अंकित पुत्र विजय सिंह महला जाट और सीकर जिले के बेरी भजनगढ़ (दादिया) निवासी 22 साल के सरदार पुत्र प्रहलाद सिंह मेघवाल की मौत हो गई। हादसे में सीकर जिले के बलारात (लक्ष्मणगढ़) निवासी 18 साल का बबलू पुत्र महेन्द्र मीणा सिर में पत्थर लगने से गंभीर घायल हो गया। जिसका पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में उपचार जारी है। मृतक अंकित और सरदार का शव बांगड़ हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया है।

हादसे में घायल श्रमिक बांगड़ हॉस्पिटल के ट्रोमा वार्ड में इलाज लेते हुए।
हादसे में घायल श्रमिक बांगड़ हॉस्पिटल के ट्रोमा वार्ड में इलाज लेते हुए।

दो घंटे बाद लाए दूसरा शव
सदर थाना पुलिस ने बताया कि माइंस सीकर जिले के जतुसर (रिंगस) निवासी भगवान सहाय पुत्र बिजुराम जाट की है। हादसा सुबह करीब 11 बजे हुआ। और सरदार की बॉडी माइंस में काम करने वाले सुबह करीब 12 बजे लेकर बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचे गए। अंकित की बॉडी पत्थर के नीचे दब गई जिसे निकालने में उन्हें करीब दो घंटे लग गए। उसके बाद बॉडी लेकर बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचे। घटना को लेकर उन्होंने संबंधित सदर थाने में हादसे की सूचना तक नहीं दी। दोपहर दो बजे हॉस्पिटल से सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

सुरक्षा इंतजाम नहीं होने पर उठ रहे सवाल
रविवार को पाली जिले के सदर थाना क्षेत्र के भालेलाव के निकट और गुड़ा एंदला थाने के डेंडा के निकट माइंस में दो अलग-अलग हादसे हुए। जिनमें 2 श्रमिकों की मौत हो गई और 4 श्रमिक घायल हो गए। ऐसे में माइंस में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे है। तय मानकों के अनुरूप माइंस में श्रमिकों की सुरक्षा के उपाय नहीं किए जा रहे है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी खनिज विभाग आंखें बंद किए हुए है।

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