झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी विधान सभा क्षेत्र के जिन गांवो की दूरी नीमकाथाना से अधिक है उनको नए जिले में शामिल नहीं कराने के लिए शहर के जन प्रतिनिधियों व अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा। गुढ़ागौड़जी में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तथा भौड़की चौराहे पर धरना दिया।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में बताया कि उदयपुरवाटी विधान सभा क्षेत्र के ज्यादातर गांवो की दूरी नीमकाथाना से 60 किमी से भी अधिक है। क्षेत्र के लोगों को नीमकाथाना पहुंचने में काफी असुविधा होगी। उदयपुरवाटी व नीमकाथाना में भाषा के आधार पर भिन्नता है। उदयपुरवाटी क्षेत्र के लोगों का ऐतिहासिक जुड़ाव झुंझुनूं से रहा है इसलिए क्षेत्र के लोग झुंझुनूं जिले से लगाव रखते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में झुंझुनूं प्रदेश में आगे है जबकि नीमकाथाना जिला बनने के बावजूद शैक्षिक आधार पर काफी पिछड़ा हुआ रहेगा।
भौगोलिक आधार पर उदयपुरवाटी व नीमकाथाना में काफी अंतर है। उन्होंने उदयपुरवाटी क्षेत्र को नीमकाथाना में शामिल करने की अनुशंसा को खारिज करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष लक्षमणराम सैनी, पार्षद घनश्याम स्वामी, सुशील सैनी, विरेंद्रसिंह शेखावत, तेजस छीपा, नितेश सैनी, पवन कुमावत, संजय इंदौरिया, सुरेश सैनी आदि शामिल थे।
उधर, गुढ़ागौड़जी में व्यापारियों ने सोमवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर नीमकाथाना तहसील में शामिल करने का विरोध प्रकट करते हुए धरना शुरू कर दिया। भौड़की रोड़ चौराहे पर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, विजेंद्रसिंह इंद्रपुरा, पंचायत समिति सदस्य रामसिंह खेदड़, सतपाल मावलिया, पार्षद भोजराज शर्मा गुढ़ा, अमरसिंह धींवा, गणेश गुप्ता भौडकी आदि ने संबोधित करते हुए गुढ़ागौड़जी को नीमकाथाना में शामिल करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
इस मौके पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य राकेश कस्वां, दारासिंह मेघवाल, बुधराम सैनी बजावा, प्रहलाद बांगड़वा, विकास गिल, सचिन दाधीच, रामदेव सामोता, संजू चौधरी, ख्यालीराम टोडी, बसंत रेपस्वाल रघुनाथपुरा, रामावतार धींवा, सहीराम जाखड़ धमौरा, सीताराम झाझड़िया, चौथमल केड, रामनिवास मूंड, नरेश सर्राफ, भजनलाल सर्राफ और गोपीचंद आदि मौजूद थे।