झुंझुनूं-खेतड़ी : प्रदेश सरकार की ओर से जिले बनाने की घोषणा के बाद अब खेतड़ी को भी जिला बनाने की मांग उठने लगी है। सोमवार को सैकड़ों युवाओं ने एसडीएम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर खेतड़ी को जिला बनाने की मांग की है।
तहसीलदार विवेक कटारिया को युवाओं की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया कि खेतड़ी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के कारण जिला बनाने की सभी शर्तें पूरी कर रहा था, जिसको लेकर खेतड़ी को जिला बनाने की लंबे समय से मांग भी की जा रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा नए जिले बनाने की घोषणाओं के साथ खेतड़ी को जिला नहीं बनाने से क्षेत्र के लोगों की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचा है।
दूसरी सबसे बड़ी रियासत थी खेतड़ी
खेतड़ी रियासत काल में जयपुर स्टेट के बाद दूसरी सबसे बड़ी रियासत हुआ करती थी। इसके साथ ही यह विश्व में भारतीय संस्कृति की विजय पताका फहराने वाले स्वामी विवेकानंद की कर्मस्थली भी रही है। मंदिरों के कारण मिनी काशी के नाम से प्रसिद्ध खेतड़ी में अनेक ऐतिहासिक मंदिर आज भी धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं एवं ऐतिहासिक भोपालगढ़, बागोर गढ़, अजीत विवेक संग्रहालय अपनी कला से पर्यटन को विकसित कर रहे हैं।
भौगोलिक दृष्टि से वर्तमान में खेतड़ी झुंझुनूं मुख्यालय से 75 किलोमीटर की दूरी है। वर्तमान समय में खेतड़ी व बुहाना तहसील का संयुक्त अपर जिला न्यायालय संचालित हो रहा है। यदि खेतड़ी को नीमकाथाना में शामिल कर दिया गया तो बुहाना तहसील न्यायालय के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को समझते हुए खेतड़ी को मुख्य रूप से जिले का दर्जा देना चाहिए। यदि सरकार ने क्षेत्र के लोगों की बात को नहीं सुना तो जनता इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेगी।
इस दौरान युवाओं ने एसडीएम कार्यालय के सामने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर दिनेश सोनगरा, एडवोकेट संजय सुरोलिया, हवा सिंह निर्वाण, धर्मेंद्र सिंह तोमर, सुरेंद्र सिंह फौजी, सुभाष सैनी, आनंद कुमार, सुरेश कुमार, वीरेंद्र, महिपाल दोराता, पुरुषोत्तम, रविंद्र, जयप्रकाश, सुरेश सोनी, दुर्गा प्रसाद, सुनील कुमार, अभिमन्यु सिंह, भूपेंद्र सिंह सोढ़ा, रामकिशन, गजानंद कुमावत, विक्रम सिंह, सुनील कुमार सहित अनेक लोग मौजूद थे।