झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : नीमकाथाना को जिला बनने की घोषणा होने के बाद से उदयपुरवाटी ब्लॉक के एक बड़े भू भाग में खुशी का माहौल है तो दूसरी तरफ इससे ज्यादा बड़े इलाके में मायूसी छाई हुई है। कुछ लोगों ने खुशी प्रकट की है तो कुछ लोगों ने नाराजगी प्रकट की है।
43 ग्राम पंचायत और दो नगरपालिका क्षेत्र है उपखंड में
जानकारी के अनुसार उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र में 43 ग्राम पंचायतें और दो नगर पालिका क्षेत्र शामिल हैं। पूरे उपखंड क्षेत्र को यदि नीमकाथाना में शामिल किया जाता है तो ग्राम पंचायत छापोली, मंडावरा, जहाज, मणकसास, बाघोली, सराय, पापड़ा, पचलंगी, जोधपुरा, गुड़ा, पौंख, नेवरी, चंवरा, किशोरपुरा, मैनपुरा आदि के लोगों को सुविधा रहेगी। झुंझुनूं जिला मुख्यालय के नजदीक की ग्राम पंचायत बड़ागांव, हासलसर, नाटास, बजावा, शीथल, टीटनवाड़, केड, बामलास, छऊ, छावसरी के लोगों को नीमकाथाना में शामिल करने पर ज्यादा परेशानी होगी। उदयपुरवाटी को नीमकाथाना में शामिल करने के मामले में लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
ये है लोगों की प्रतिक्रिया
नीमकाथाना को जिला बनाने को लेकर मंत्री रांजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि मिल बैठकर कोई सर्वमान्य हल निकालेंगे। 18 पंचायत के लोगों को सुविधा रहेगी। इतनी ही ग्राम पंचायतों में रहने वाले लोगों को असुविधा रहेगी। कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी है जिनको कोई विशेष फर्क नहीं पड़ने वाला।
उदयपुरवाटी नगरपालिका के चेयरमैन रामनिवास सैनी ने कहा कि सरकार का फैसला सर्व मान्य होता है। जिला तो झुंझुनूं ही सही था, झुंझुनूं से हटाते तो सीकर में शामिल करना चाहिए था। विरोध करने पर कुछ नहीं होगा इसलिए सरकार ने जो किया है वह अच्छा ही होगा।
मीन सेना राजस्थान के प्रदेश प्रमुख सुरेश मीणा किशोरपुरा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने बहुत अच्छा कार्य किया है। पहाड़ी इलाके में बसी कई ग्राम पंचायतों के हजारों लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे।
व्यवसायी सुरेंद्र सिंह मेहरौली ने कहा कि दूसरे प्रदेश में भी झुंझुनूं जिले का नाम लेते ही लोग खूब सम्मान देते थे। झुंझुनूं जिले का नाम लेते ही शान से सर ऊंचा हो जाता था जबकि नीमकाथाना के नाम से कोई पहचान नहीं रहेगी।
सैनी समाज उदयपुरवाटी के अध्यक्ष विनय सैनी ने कहा कि झुंझुनूं जिले में ही अच्छा था, आदत पड़ रही थी, नीमकाथाना जिला ओड सा लगेगा। अगर आंदोलन होता है तो झुंझुनूं जिले में शामिल रहने का पक्ष लेंगे।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव विजेंद्र सिंह इंद्रपुरा ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों के लोग अपनी मर्जी से नीमकाथाना में शामिल होना चाहते हैं उनको शामिल करना चाहिए और जबरदस्ती किसी के साथ करनी नहीं चाहिए। सरकार जो फैसला करेगी वह तो करेगी ही, लेकिन आमजन की सुविधा के लिए कोई हल निकालना चाहिए।
उदयपुरवाटी के पूर्व प्रधान विद्याधर सिंह ओलखा ने कहा कि जिले अधिक होने से विकास जल्दी होता है और इलाके पर पूरा कमांड रहता है। इस हिसाब से मुख्यमंत्री ने बहुत अच्छा किया है। उदयपुरवाटी की भौगोलिक स्थिति ऐसी हो गई कि आधे लोग खुश हो रहे हैं और आधे लोग दुखी हो रहे हैं। जिन लोगों को संकट पैदा हो गया उनका समाधान करते हुए कुछ करना चाहिए।
बाघोली सरपंच जतन सैनी ने कहा कि पहाड़ी इलाके के गांव आजादी के बाद से ही उपेक्षित थे। झुंझुनूं से दूरी अधिक होने से काम नहीं होते थे। परिवार के किसी ना किसी सदस्य का नीमकाथाना रोज आना जाना रहता है। निश्चित रूप से हमारे इलाके का विकास होगा।