जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : आज के समाज में रिश्तों नातों में निरंतर कड़वाहट आ रही है, लेकिन सिरियासर निवासी पिंकी खीचड़ ने अपने नानाजी भारु निवासी स्व. जवाहरलाल ईशरवाल की तृतीय पुण्यतिथि पर 6 फुट लंबी मूर्ति बनवा कर समाज के सामने अनूठी मिसाल पेश की। पिंकी खिचड़ ने बताया कि वह बचपन से ही अपने ननिहाल भारू गांव में पली-बढ़ी है एवं उसकी संपूर्ण शिक्षा दीक्षा अपने नाना जी के मार्गदर्शन में हुई है।
3 वर्ष पूर्व उनके नाना जी का आकस्मिक स्वर्गवास हो जाने पर पिंकी ने मेहनत करके सरकारी जॉब में आने का प्रण लिया तथा हाल ही में उनको सरकारी जॉब मिला और सी. ओ. गाइड के पद पर सीकर में नियुक्ति हुई। नौकरी लगते ही पिंकी खिचड़ ने अपने नाना जी की तृतीय पुण्यतिथि पर संगमरमर की शानदार मूर्ति बनाकर समाज के सामने अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया, इसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है कि बेटी या दोहिती हो तो पिंकी जैसी, लोग भागमभाग भरी जिंदगी में अपने रिश्ते नाते को भूलते जा रहे हैं ऐसे में एक बेटी ने संदेश देकर बता दिया कि व्यक्ति की पहचान उसकी कार्यशैली से होनी चाहिए।
पिंकी की नानी अनची देवी ने कहा कि मेरी दोहिती ने मेरा जीवन धन्य कर दिया एवं अपने नाना जी को अमर कर दिया ।
इस अवसर पर पिंकी के मामा राजपाल ने कहा कि मेरी भांजी ने मेरे पिता की मूर्ति लगाकर जो कार्य किया है, हमारे लिए गौरव की बात है, रिश्ते नातों की कदर करना कोई पिंकी से सीखें।
इस अवसर पर चंचलनाथ टीला आश्रम के ओमनाथ महाराज, भारु गांव की सरपंच कमला देवी, सरपंच प्रतिनिधि शशी कुमार, नानी अनची देवी, पिंकी के माता-पिता सुमित्रा देवी महावीर सिंह, मामा मामी राजपाल सिंह इंदिरा देवी, भाई भाभी कर्मवीर संगीता, बहन बहनोई संगीता राज कमल, सी. ओ. स्काउट महेश कालावत, दीपाराम, सुगना देवी, पतासी देवी, मोहिनी देवी, निर्मला, रणजीत सिंह, हवा सिंह , प्रदीप कुमार,कृष्ण, रोनक, पलक, जगत, शिवा सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थिति रहे तथा महिला एवम पुरुषों का जन सैलाब उमड़ पड़ा।