झुंझुनूं-खेतड़ी(शिमला) : शिमला में हुआ स्व कैप्टन नंदराम सिंह की प्रतिमा का अनावरण

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा

झुंझुनूं-खेतड़ी(शिमला) : शेखावाटी के ऐतिहासिक ग्राम शेरशाह सूरी की जन्म स्थली शिमला में 5 दिसंबर 1934 को शिवलाल यादव के घर धापा देवी की कोख से जन्मे कैप्टन नंदराम यादव कि प्रतिमा का अनावरण 21 फरवरी मंगलवार को दोपहर 2 बजे बस स्टैंड शिमला पर किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार खेतड़ी विधायक डॉ जितेंद्र सिंह थे. समारोह की अध्यक्षता मूर्तिकार मातुराम वर्मा पिलानी ने की. समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ नरेश यादव उप निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान जयपुर, पूर्व प्रधान मदन लाल गुर्जर, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष गोकुल चंद सैनी, जगदीश प्रसाद शर्मा, श्याम सुंदर वर्मा, सूबेदार राकेश कुमार, हवलदार भीमसिंह आदि थे।

स्वागत भाषण युवा नेता राजेंद्र यादव ने दिया. संचालन अनिल शर्मा ने किया. वीरांगना रेशमा देवी का भी सम्मान किया गया. कैप्टन नंदराम 1953 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे उन्होंने भारत-पाक युद्ध 1962, 1965 व 1971 में वीरता से लड़ाई लड़ी तथा अनेक दुश्मनों को मौत के घाट उतारा जिसके लिए भारत सरकार ने उन्हें वीरता पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था सेना में लंबी सर्विस के बाद वो 30 नवंबर 1981 को सेवानिवृत्त हुए थे 1996 में राजस्थान सरकार ने वीर जवानों के सम्मान में उनकी प्रतिमा उन्हीं के ग्राम में स्थापित करने की घोषणा की थी। जिसके तहत उन्होंने ग्राम के मुख्य तिराहे पर 1996 में अपनी आदम कद प्रतिमा का निर्माण राजस्थान सरकार के सहयोग से करवाया था। 19 सितंबर 2021 को इस वीर जवान का निधन हो गया। उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण उनके सुपुत्र ब्रहम प्रकाश यादव व सत्यवीर यादव व परिवार सदस्यो ने करवाया हैं।

इस अवसर पर हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकार जयवीर भाटी एंड पार्टी ने सांस्कृतिक व देशभक्ति से ओतप्रोत रागनियां प्रस्तुत कर लोगों का मन मोहा। छोटे पुत्र एसआई सत्यवीर यादव ने आभार प्रकट किया. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ सिँह ने कहा कि कैप्टन साहब ने वीरता मेडल प्राप्त किया था जो पुरे क्षेत्र के लिए गौरव कि बात है. उनकी स्मृति में शिमला से भांखरी हरियाणा तक हाल ही में बनाई गयी सड़क का नाम अब कैप्टन नंदराम सिँह मार्ग के नाम से किया जायेगा।

इस अवसर पर विजयसिंह खेड़ा, समाजसेवी धर्मपाल यादव, जयसिंह ढाणी, रामानंद शर्मा, ब्रह्मप्रकाश, टिंकू यादव, यादराम, समुद्रसिँह, सुरेश, सुबेसिंह, सुमेरसिँह, रामकिशोर, रामकिशन, महेंद्र, वीरेंद्र, मंगतूराम सूबेदार, सत्यपाल, नरेश, करणसिंह, शेरसिंह, अशोक, दाताराम गिरदावर, कवरसिंह गुवाना, बनवारी, प्रदीप फोटोग्राफर, पवन शर्मा, हवलदार रामसिंह, सहित आसपास के सरपंच, जनप्रतिनिधि व हजारों की तादाद में स्त्री, पुरुष व बच्चे मौजूद थे।

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