जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : पशु विज्ञान केंद्र, झुंझुनू के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि 06 फरवरी 2023 को आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय भेड़ एवं बकरी पालन विषय पर पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया की पशु विज्ञान केंद्र द्वारा दी जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारियां पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है पशुपालक को जागरूक रहकर ऑनलाइन तथा ऑफलाइन माध्यम से अपने नजदीकी डॉक्टरों से जुड़े रहना चाहीए तथा तुरंत जानकारी प्राप्त कर वैज्ञानिक तरीके अपनाकर पशुपालन करें तथा बकरी के दूध की गुणवता मनुष्य मातृ के दुध की गुणवता के बराबर मानी गई हैं।
बकरी आधारित एकीकृत व कृषि प्रणाली पर जोर दिया जिसमें बकरी पालन के साथ में मुर्गी पालन, मछली पालन, केंचुआ खाद जैविक फल साग सब्जी व सहजन पेड़ के लगाना शामिल बताया और नए पशुपालकों को बकरी पालन व्यवसाय वर्ष के सितंबर के शुरुआत में फरवरी के अंत में चालू करना ज्यादा उचित रहता है। कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी अधिकारी दयानंद जी ने कृषि विभाग की कल्यणकारी योजना के बारे में बताया तथा क्षेत्र विशेष मैं होने वाले अनाज को मिलाकर बकरियों के लिए संतुलित व पोस्टिक आहार कैसे बनाएं विधि पूर्वक जानकारी दी।
केंद्र के डॉ विनय कुमार ने राजस्थान में पाई जाने वाली बकरी की मुख्य नस्ल जैसे कि जमुनापारी ,बीटल ,मारवाड़ी, सिरोही आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा आवास प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आवास हमेशा पूर्व से पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए जिससे सर्दी के मौसम में अधिक से अधिक धूप फार्म में आ सके जिससे गीलापन दूर हो व आवास की दीवारों की चुने से पुताई करनी चाहिए तथा आवास की लंबाई पशुपालक अपने हिसाब से रख सकता है लेकिन चौड़ाई 12 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए व आवास हमेशा हवादार होना चाहिए ।