झुंझुनूं-खेतड़ी : जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों ने गुरुवार को एसडीएम को ज्ञापन देकर नौ सूत्री मांगों का समाधान करने की मांग की है। जिला परिषद सदस्य उमेद सिंह निर्वाण के नेतृत्व में एसडीएम जयसिंह चौधरी को बताया कि राजस्थान पंचायती राज संस्थाओं का संस्थापक राज्य है। त्रिस्तरीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण अंग जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य का होता है, लेकिन जिला प्रमुख व प्रधान के मतदान के बाद महत्व उनका बिल्कुल ही ना के बराबर होता है।
प्रदेश के जिला परिषद व पंचायत समितियों के सदस्यों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास एवं मतदाताओं को किसी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने का अधिकार नहीं है। जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्यों किसी प्रकार के प्रशासनिक अधिकार भी नहीं मिले हुए हैं। वह केवल साधारण सभा की बैठक को पूरा करने का संसाधन होते हैं। इसके अलावा यह बैठक भी छह माह में एक बार होती है, जबकि जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र सरपंच बड़ा होता है।
इस दौरान उन्होंने सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की तरह जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, कागजात सत्यापन का अधिकार देने, निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्यों के प्राप्त अनुदान राशि से निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने, अपने वार्ड में जिला परिषद सदस्य पंचायत समिति सदस्य के कोटे से विकास कार्य स्वीकृत करवाने, जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत की कोरम बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय, पत्रावली, अतिक्रमण आदि मुद्दों और विशेष रूप से आमंत्रित किए जाने, प्रत्येक विकास कार्य शिलालेख, पट्टीका पर जिला परिषद सदस्य व पंचायत का नाम लिखे जाने, मासिक मानदेय दस हजार रुपए दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है।
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री व ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री से उनकी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। इस मौके पर जिप सदस्य उम्मेदसिंह निर्वाण, धर्मेंद्र सिंह तोमर, शिवकुमार जेवरिया सहित अनेक लोग मौजूद थे।