74 वा गणतंत्र दिवस और वसंत पंचमी का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

74 वा गणतंत्र दिवस और वसंत पंचमी का उत्सव बहुत ही शांति के साथ अग्रसेन भवन, द्वारका, नासिक मै संपन हुआ।भारत माता की फोटो पर दीप प्रज्ज्वलित करके और मां सरस्वती की पूजा बेटियों द्वारा की गई। आज के इस पावन अवसर पर रामचंद्र तुलसियानजी,सेदुरमजी रूंगटा ने झंडा फहराया. हमारे वीर सैनिकों को नतमस्तक हमेशा रहेगा। तुलस्यान ने अपने संबोधन में कहा ऐसे महान देश के गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर अग्रवाल महिला मंडल, धार्मिक समिति मंडल, सखी मंडल, अग्रवाल सभा ,अग्रवाल युवा मंडल के पदाधिकारियों को बधाई संदेश दे रहा हूंl सभी लोग जातिवाद धर्म वाद को भुलाकर एक छत्र के नीचे समस्त भारत का विकास करें।

26 जनवरी के रूप में हम सबका यह राष्ट्रीय पर्व काफी उत्साह उमंग के साथ हमारे बीच आता है, यह पर्व हमें उस इतिहास की गर्त में लेकर जाता है, जबकि हमारे देश में कोई कानून नहीं था। डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर जो संविधान सभा के अध्यक्ष थे। उनकी अगुवाई में संविधान की रचना की गई उस सविधान को 26 जनवरी के रोज हमारे देश में लागू किया गया।

इसलिए मेरा तो यह कहना है कि क्रोध और भावनाओं के बस में आकर छोटे-छोटे लाभ के लिए राष्ट्रीय एकता को खंडित नहीं होने दे। आज क्षेत्रीयता, भाषा और संप्रदाय के नाम पर होने वाला विवाद, राष्ट्रीय जीवन और राष्ट्रीय एकता के लिए घातक है। हम सभी को समझना चाहिए कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। मेरा एक सुझाव है कि छात्रों को स्कूलों से ही सर्व धर्म की शिक्षा देनी चालू कर देनी चाहिए, इसके लिए स्कूली पाठ्यक्रम में सर्वधर्म समभाव को शामिल किया जाना चाहिए सर्वधर्म संमभाव भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।

हम चाहे किसी भी धर्म के हो जब देश में स्वाभिमान और तिरंगे की रक्षा की भावना देशवासियों में होगी तो सांप्रदायिकता, जातिवाद, छुआछूत, ऊंच-नीच आदि समस्याएं स्वत ही समाप्त हो जाएगी। सभी देशवासी तिरंगे को अपना धर्म मान लेंगे, तो देश प्रेम की भावना बढ़ने में देर नहीं लगेगी। हम सभी भारत माता की संतान है ।लेकिन छोटे से लाभ के लिए हम यह भूल रहे हैं कि संविधान की धारा 16 के अंतर्गत सरकारी रोजगार पाने का सभी को अधिकार है ।हम सभी का कर्तव्य है कि अपनी राष्ट्रीय एकता भाईचारा को किसी भी कीमत पर टूटने ना दें इसलिए मेरी एक बात पर विशेष ध्यान करना, हर वक्ति ही भला है, जरूरत है, उसे समझाने की। वक्ति संस्था से होता है ।व्यक्ति से संस्था नहीं होती है। दो हाथ से हम 50 लोगों को नहीं मार सकते ,परंतु हाथ जोड़कर करोड़ों लोगों का दिल जीत सकते है।

इस उत्सव मे महेश अग्रवाल, बंटी पोद्दार, बिमल मोदी, जीतू अग्रवाल, रामचंद्र तुलसियान, सेदुराम रूंगटा, ओमप्रकाश रूंगटा, भगवान अग्रवाल, विजय कुमार गोयल, मनोज अग्रवाल, अनिल प्रसाद गुप्ता, संतोष अग्रवाल, साहिल केडिया, Adv. संगीता केडिया, उमा रूंगटा, कस्तूरी रूंगटा, कृष्णा रूंगटा, आभा अग्रवाल, स्नेहा गुप्ता, नीलम अग्रवाल, कविता अग्रवाल, युवा मंच अध्यक्ष Dr गारबी केडिया, प्रेरणा अग्रवाल आदि मौजूद थे। धार्मिक समिती नासिक और अग्रवाल महिला मंडल,नासिक का बहुत बहुत आभार।

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