राजस्थान : कांग्रेस में CM अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच चल रही खींचतान पर राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए एक बार के लिए सियासी सीजफायर हो गया है। इस बीच कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दो महीने बाद एक बार फिर नए सिरे से नेताओं की एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने पर चेतावनी दी है।
कांग्रेस महासचिव ने मंगलवार शाम हुई बैठक में मंत्रियों और नेताओं को साफ कहा- अगर अब किसी ने गाइडलाइन का उल्लंघन करके पार्टी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की तो 24 घंटे में पद से हटा दिया जाएगा।
वेणुगोपाल ने नेताओं से कहा, ‘अब एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करके पार्टी को कमजोर करने का वक्त नहीं हैं। आपस में ही लड़ेंगे तो बीजेपी से मुकाबला कैसे करेंगे? मेरी गाइडलाइन के बावजूद पिछले दिनों कई मंत्रियों और नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे पार्टी का गलत मैसेज गया है।’
चौधरी पर नाराज हुए वेणुगोपाल
वेणुगोपाल ने बैठक में पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के सवाल पर नाराजगी जताई। वेणुगोपाल ने जब बयानबाजी बंद करने की बात कही तो हरीश चौधरी ने काउंटर सवाल किया कि किसी नेता के मन में कोई भावना है तो वह प्रकट कैसे करेगा? इस पर वेणुगोपाल ने लगभग फटकारने वाले लहजे में हरीश चौधरी पर नाराजगी जताई।
वेणुगोपाल ने कहा- ‘जब आप जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे नेता इस तरह की बात करेंगे तो बाकी से क्या उम्मीद की जा सकती है। बाहर कोई बयान नहीं देगा। यह पहले से ही गाइडलाइन जारी की हुई है, उसके बाद और कहने को क्या रह जाता है?’
27 सितंबर को वेणुगोपाल ने लिखित गाइडलाइन जारी की थी, ज्यादातर ने नहीं माना
25 सितंबर को सीएम अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद हुए सियासी बवाल के समय गहलोत और पायलट खेमों के बीच खूब बयानबाजी हुई थी।
तीन नेताओं को नोटिस मिलने के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 27 सितंबर को लिखित एडवाइजरी जारी करके पार्टी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने पर रोक लगा दी थी।
इस एडवाइजरी के कुछ ही दिन बाद फिर से गहलोत और पायलट खेमों के नेताओं ने बयानबाजी शुरू कर दी। पहली गाइडलाइन फेल होने के बाद अब वेणुगापेाल ने बैठक में नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है।
प्रदेशाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी
27 सितंबर की एडवाइजरी के बाद बयानबाजी करने वाले नेताओं के बारे में वेणुगोपाल ने प्रदेशाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है। एडवाइजरी के बाद बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई के सवाल पर वेणुगोपाल ने कहा- ‘मेरे निर्देश के बाद किस किस नेता ने स्टेटमेंट दिए हैं, मैंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा है। रिपोर्ट मांगी है।’
पिछली गाइडलाइन को किसी ने नहीं माना, गहलोत-पायलट खेमों के बीच जमकर जुबानी जंग
वेणुगापेाल की गाइडलाइन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट से लेकर दोनों के समर्थक एक दूसरे खेमों के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। सबसे बड़ा बवाल खुद सीएम अशोक गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहने पर हुआ। इससे पहले गहलोत समर्थक मंत्री परसदीलाल मीणा ने पायलट खेमे पर कई बार निशाना साधा। इससे पहले एसीआर के मुद्दे पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और हरीश चौधरी आपस में भिड़ गए थे।
दोनों के बीच तल्ख बयानबाजी का दौर चला। पायलट समर्थक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा लगातार मुखर होकर बयानबाजी करते रहे हैं और पायलट को सीएम बनाने की मांग उठाते रहे हैं। पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए उन पर धोखा देने का आरोप लगाया था। ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा लगातार अनुशासनहीनता के मुद्दे पर गहलोत खेमे पर हमलावर रही हैं। कई बार बयान दे चुकी हैं।
राहुल गांधी की यात्रा तक विवाद से बचने की रणनीति
संंगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ताजा चेतावनी को राहुल गांधी की यात्रा से पहले किसी भी तरह के विवाद को टालने की रणनीति माना जा रहा है। इसीलिए नेताओं को बयानबाजी नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है। पुरानी गाइडलाइन के समय कुछ दिन शांत रहने के बाद नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए थे। खुद सीएम और सचिन पायलट तक ने बयान दिए थे।
डोटासरा की रिपोर्ट पर निगाह
27 सितंबर की गाइडलाइन के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को रिपोर्ट तैयार करनी है। इस रिपोर्ट में किन नेताओं के नाम शामिल होते हैं इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। इस गाइडलाइन के बाद खुद सीएम अशोक गहलोत ने भी खूब बयान दिए थे।
सचिन पायलट ने भी तंज कसे थे। इस रिपोर्ट में गहलोत-पायलट का नाम आता है या नहीं, इस पर सबकुछ निर्भर करेगा। दोनों नेताओं को एसेट बताने के बाद अब इन्हें सियासी इम्यूनिटी मिल गई है।
सियासी बवाल के जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई टलने के आसार
मौजूदा हालात में अब राजस्थान के मामले पर कार्रवाई टलने के आसार हैं। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई भी अब टलने के आसार हैं। ऐसे में अब नए साल तक मामला अटकना तय माना जा रहा है।
भारत जोड़ो यात्रा अगले वी राजस्थान में एंट्री कर रही है। यात्रा के राजस्थान आने से पहले ही राहुल गांधी ने यह बयान देकर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि पार्टी अब इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहती। अब राहुल गांधी की यात्रा तक राजस्थान को लेकर कोई फैसला होने की उम्मीद नहीं है।