जयपुर : राजधानी में अंजलि को गोली मारे 24 घंटे बीते ही नहीं कि जयपुर के मुरलीपुरा इलाके में एक बार फिर बुधवार रात को गोलीबारी की घटना हुई। गनीमत रही कि किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। पुलिस कांस्टेबल नरेंद्र निठारवाल की हिम्मत और सूझबूझ से एक बड़ी घटना होते-होते रह गई।
बता दें कि नरेंद्र निठारवाल हरमाड़ा थाने में हेड कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हैं। रात को अपनी ड्यूटी ऑफ कर घर लौट रहे थे। मुरलीपुरा इलाके में वेदजी का चौराहा पर सूर्य मेडिकोज और प्रोविजन स्टोर पर तीन लुटेरे दुकान में घुसे हुए थे और आपसी बहस चल रही थी, जिसके चलते एक लुटेरे ने फायर कर दिया। इसको सुनकर हेड कांस्टेबल नरेंद्र निठारवाल रुक गए। ऐसे में पुलिस वाले को देखकर लुटेरे नहीं रुके और नरेंद्र पर ही गोली चला दी। हालांकि, नरेंद्र का इलाका नहीं होने और खुद भी ड्यूटी पर ऑफ होने के बाद भी हेड कांस्टेबल नरेंद्र लुटेरे से भीड़ गए। ये जानते हुए कि उनके पास हथियार है, अपनी जान की परवाह किए बिना नरेंद्र ने एक लुटेरे को दबोच लिया। बाकी के दोनों बदमाश बाइक पर भाग निकले।
कांस्टेबल ने किया पीछा…
नरेंद्र ने एक लुटेरे को वहां मौजूद जनता को सौंपकर अपनी बाइक से लुटेरों का दो किलोमीटर तक पीछा किया। लेकिन लुटेरों की ओर से की गई फायरिंग में आमजन को कोई हानि नहीं हो और किसी को कोई चोट न पहुंचे, इसको देखते हुए कांस्टेबल नरेंद्र ने उनका पीछा छोड़कर वापस लौट उस एक लुटेरे को थाने के सुपुर्द कर दिया। पुलिस लुटेरों की मंशा और विवाद के कारण और हथियार कहां से आए, साथ ही उसके दोनों साथियों और किस गैंग से जुड़ा है कि तफ्तीश कर रही है, जिससे जल्द से जल्द उन शेष अपराधियों तक पहुंचा जा सके।
हेड कांस्टेबल नरेंद्र निठारवाल की हिम्मत और अपनी जान की परवाह किए बिना हथियार बंद अपराधियों से भीड़ जाना जयपुर पुलिस की गरिमा को निखारने वाला कदम है। जयपुर में बढ़ती हुई घटनाओं के बीच नरेंद्र जैसे पुलिसकर्मियों की सख्त जरूरत है, जिससे जयपुर के अपराधियों में डर और पुलिस का इकबाल बुलंद रहे।