चिड़ावा : जैन संत मनोहर श्री महाराज की शिष्या संघ मित्रा श्री, अमीसरा श्री और मेरुशिला श्री झुंझुनूं में चातुर्मास के बाद विहार करते हुए आज सुबह चिड़ावा पहुंची। जहां पर चिड़ावा मंगल प्रवेश पर जैन धर्मावलंबियों ने उनका स्वागत किया।
शहर में प्रमुख मार्गों से होते हुए श्री मालों का मोहल्ला स्थित जैन मंदिर पहुंची। यहां पर उन्होंने मंदिर में दर्शन किए। यहां उनका महावीर प्रसाद, कुशल चंद, विनोद, संदीप, पुनीत, विनीत, नितिन, पायल, पूजा, संगीता, जूली, निमित, सुशील, अंजू, अक्षम सहित जैन समाज के लोगों ने स्वागत किया। इसके बाद वे श्री माल हवेली पहुंची। यहां प्रवचनों का कार्यक्रम हुआ। जिसमें साध्वी संघमित्रा श्री ने प्रवचन देते हुए कहा कि परिवार में बच्चों में जन्म से ही संस्कार दिए जाने चाहिए। सद गुणों से ही अच्छे संस्कारों का उद्भव होगा। अच्छी संगत और अच्छी वाणी का प्रयोग मनुष्य को श्रेष्ठ बनाता है।
उन्होंने वर्तमान में अस्तित्व खो रही वैभवशाली भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए अनुकूल आचरण पर बल दिया। उन्होंने मोबाइल संस्कृति को छोड़कर अपनी भारतीय संस्कृति को अपनाने का सभी से आह्वान किया। दोपहर में जैन मंदिर में प्रसा अठारह अभिषेक व पूजन कार्यक्रम होगा।