झुंझुनूं : आबकारी विभाग ने 10 दिन पहले करीब 80 लाख एक से अधिक की शराब पकड़ी है। यह शराब पंजाब से गुजरात लेकर जा रहे थे। इतनी बडी मात्र में अवैध शराब पकडा जाना पुलिस और आबकारी विभाग की नींद उठा दी हैं।
तस्करों ने पंजाब और हरियाणा से गुजरात जाने के लिए झुंझुनूं होते हुए नया रूट डेवलप किया है। जब हरियाणा से राजस्थान में इंट्री के वक्त अन्य रूटों पर पुलिस सख्त हो तो झुंझुनूं के रूट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जब आबकारी पुलिस और पुलिस तह में गए तो पता चला कि ऐसी कई गाड़ियां शराब से भरी हुई इस रूट से निकलती है।
पुलिस और अबकारी विभाग का माना है कि शराब तस्कारों ने झुंझुनूं को कहीं बड़ा अड्डा तो नहीं बना लिया हैं। इतनी बड़ी मात्रा में शराब पकडे जाने से यह तो तय हो गया है कि शराब तस्करों ने तस्करी की शराब ले जाने के लिए नया रूट तय कर लिया हैं। एसपी मुदुल कच्छावा ने बताया कि संभावना मना नहीं किया सकता। पुलिस हर एंगल से जांच रही है। हरियाणा बॉर्डर है, पूरी निगरानी की जाएगी। झुंझुनूं से दैनिक भास्कर के लिए इम्तियाज भाटी की खास रिपोर्ट।
शराब तस्करों का नया रूट
शराब माफियाओं के लिए झुंझुनूं रूट पहली पसंद बनता जा रहा है। जो कि आबकारी विभाग और पुलिस के लिए चुनौती बन सकता है। दरअसल, गुजरात में लंबे समय से शराब पर पाबंदी है। ऐसे में हरियाणा व अरुणाचल से शराब की तस्करी कर गुजरात पहुंचाई जा रही है। जिसके लिए तस्करों ने अलग-अलग रूट बना रखे हैं। कुछ माह पहले चूरू क्षेत्र से शराब की खेप निकलती थी। मगर यहां लगातार बढ़ती गैंगवार एवं पुलिस की मुस्तैदी के चलते तस्करों ने रूट बदल लिए। सूत्रों का मानना है कि तस्करों ने झुंझुनूं से नया रूट तय कर लिया है। यहां से शराब की गाडिय़ा निकाली जा रही हैं। इस बात में दम भी है। क्योंकि, इस रूट पर पिछलेे महीनों में एक डेढ़ करोड से ज्यादा की शराब पकड़ी है।
कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा
शराब तस्करी के काले कारोबार में युवा ज्यादा उतर रहे हैं। कारण, कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा। सूत्रों के अनुसार हरियाणा में शराब की कीमत कम होने व गुजरात में शराब बंदी के कारण तस्करों ने इसे धंधा बना लिया है। तस्करी की शराब को गुजरात में दो से तीन गुणा दामों में बेचा जाता है। जिससे तस्करों को भारी मुनाफा होता है। यहीं कारण है कि युवा वर्ग लगातार इस दलदल में धंसता जा रहा है।
शेखावाटी इलाके में रही है कई गैंग सक्रिय
शराब के काले कारोबार में शेखावाटी की कई गैंग सक्रिय रही है। अवैध शराब के कारोबार के कारण चूरू, झुंझुनू, सीकर व नागौर में गैंगवार को भी बढ़ावा दिया है। हरियाणा के अलावा, राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं, नागौर, जालौर सहित अन्य जगहों पर गैंगवार बढ़ी है। शेखावाटी इलाके मेंं आनंदपाल गैंग, राजू ठेहठ, बलवीर बानूडा समेत अन्य गैंग सक्रिय रही हैं। जिसमें आए दिन मुठभेड़ होती रही है।
होटल-ढाबों का भी अहम रोल
शराब तस्करी के धंधे में होटल-ढाबों का भी अहम रोल रहता है। ज्यादातर मामलों में सामने आया है कि तस्करों द्वारा शराब से भरी गाड़ी किसी निश्चित होटल-ढाबे पर पहुंचाई जाती है। शराब से भरी गाड़ी चालक द्वारा तस्करों की ओर से बताई जगह तक पहुंचाई जाती है। दूसरी जगह पर चालक बदल जाते हैं। बताया जा रहा है कि तस्कर पुलिस की पकड़ में आने से बचने के लिए नंबर प्लेट भी बदलते रहते हैं।
इलाके की छोटी गैंग और बदमाशों का भी सहयोग
शराब तस्कर रूट की स्थानीय छोटी गैंग या बदमाशों का भी सहयोग लेते हैं। उक्त बदमाश तय सीमा तक गाड़ी को पहुंचाने में मदद करते हैं। वहीं शराब लूटने से भी बचाते हैं। जिसके लिए तस्करों द्वारा बाकायदा मोटा पैसा दिया जाता है। वहीं गाड़ी की लोकेशन देखने लिए कुछ मामलों में जीपीएस सिस्टम लगे होने के मामले भी सामने आते रहे हैं।
ये है प्रमुख रूट
पुलिस से बचने के लिए शराब तस्कर रूट बदलते रहते हैं। सूत्रों के अनुसार अधिकतर तस्करी की शराब हरियाणा व अरुणाचल से लोड होती है।
प्रथम रूट हरियाणा से चूरू, सीकर, नागौर, पाली, सिरोही होते हुए गुजरात पहुंचती है।
दूसरे रूट से हरियाणा से रवाना होकर चूरू, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर होते हुए गुजरात पहुंचती हैं।
तीसरे रूट से चूरू, सीकर, अजमेर व सिरोही होकर गुजरात पहुंचती है।
नया रूट
तस्करों ने कुछ समय से झुंझुनूं का रूट भी बना रखा है। जिसमें हरियाणा के महेंद्रगढ़, लोहारू, सूरजगढ़, चिड़ावा, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर व अजमेर होते हुए गुजरात तक पहुंचता है।