झुंझुनूं : राजस्थान हाईकोर्ट ने चिड़ावा ब्लॉक के आंगनबाड़ी केन्द्र लाम्बा -2 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बर्खास्तगी के मामले में दायर याचिका की सुनवाई कर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
साथ ही रिक्त पद को भरने के लिए विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है। मामले के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र लाम्बा 2 की कार्यकर्ता सरोज देवी ने एडवोकेट संजय महला के जरिये रिट याचिका दायर कर बताया कि 21 मार्च 2022 को बाल विकास परियोजना अधिकारी, चिड़ावा ने पोषाहार वितरण में गम्भीर अनियमितता के आरोप लगाते हुए मानदेय सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग झुंझुनूं ने भी दिनांक 18 मई 2022 को अपील खारिज कर दी तत्पश्चात जिला परिषद सीईओ ने भी 23 अगस्त के आदेश से अपीलार्थी की बर्खास्तगी को सही मानते हुए दोनों पूर्व आदेशो को सही ठहराया।
बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि 22 साल से पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ समर्पित सेवा भाव से कार्य कर रही इस महिला कार्यकर्ता के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि केंद्र पर निरीक्षण के दौरान पोषाहार में गेँहू व चावल की मात्रा अधिक पाई गई है, जिसकी कोई फर्द जब्ती नहीं बनाई गई। किसी ने कभी कोई शिकायत नही की। मामले में अधिकारियों ने विधि अनुसार कार्यवाही नहीं की। पारित निर्णयों में भारी विसंगति है तथा राजनीति के चलते विज्ञप्ति जारी कर पद भरने को आमादा है।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने याचिका में विवादास्पद आदेशों के अवलोकन के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव, निदेशक, सीईओ, उपनिदेशक व परियोजना अधिकारी से 23 नवम्बर तक जवाब मांगा है साथ ही रिक्त हुए पद को भरने के लिए नई विज्ञप्ति जारी करने पर भी रोक लगा दी है।