जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
झुंझुन : देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह किए जाने की संभावनाएं अधिक रहती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह अपराध है, जिसकी रोकथाम के लिए दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने के प्रावधान है, जिससे कि बाल विवाह जैसी सामाजिक-कुरीतियों को रोका जा सके। बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला, ब्लॉक, पंचायत, ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थाति विभिन्न विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेघ अधिनियम के तहत इसके रोकथाम की व्यवस्था की गई है। यह जानकारी बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव ने दी है।