झुंझुनूं : शहर की चरमराई सफाई व्यवस्था नगर परिषद के दावों की पोल खोल रही है। सबसे बड़ा त्योहार दिवाली फेस्टिबल शुरू हो चुका है, इसके बावजूद शहर के हर गली मोहल्ले गंदगी से अटे पड़े हैं। जबकि नगर परिषद ने अभियान की शुरुआत भी की है। लेकिन शहर में सफाई नजर नहीं आ रही।
हर वार्ड का बुरा हाल
सफाई के मामले में शहर के सभी 60 वार्डों का बूरा हाल है। अभियान के तहत अब तक शामिल किए गए वार्डों की बात की जाए तो अधिकतर वार्डों में अभियान के तहत सफाई हो चुकी है। परंतु किसी भी वार्ड में सफाई नजर नहीं आ रही है।
गंदगी के लगे ढेर, नाक बंद कर गुजरते हैं लोग
शहर के अनेक वार्डों में फैला कचरा बदबू मार रहा है। इसके चलते लोगों को नाक बंद कर गुजरना पड़ता है। वहीं, वहां के निवासियों के लिए तो जीना दूभर हो रहा है। इस कचरे में पशु मुंह मारते रहते हैं।
फैल रही बीमारियां
शहर में सफाई अभियान चलाने का सबसे अहम मकसद था डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया एवं मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण करना। परंतु बदबू मारता कचरा लोगों को उल्टा बीमार कर रहा है
अभियान में दिए आदेशों की उड़ती धज्जियां
-सभी वार्डों में नियमित सफाई नहीं हो रही।
-कचरा रोजाना नहीं उठ रहा।
-प्रत्येक वार्ड में लगाया गए एक-एक सफाई निरीक्षक पर्यवेक्षक निगरानी में बरत रहे लापरवाही।
-कहां-कहां कचरा पड़ा है, उन स्थानों का नियमित रूप से सर्वे नहीं।
-शहर के अनेक वार्डों में नालियां गंदगी के कारण बंद हो गई।
-जला हुआ मोबिल एवं लार्वा रोधी दवाइयां नहीं डाली जा रही।
-केवल झाड़ू लगाकार इतिश्री की जा रही है। विलायती कीकर, आक, झाड़-झंखाड नहीं काटा जा रहा।
-शहर के कई चौराहों पर नहीं हैं कचरा पात्र।