मुंबई, 07 मार्च (ANI): उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 07 मार्च को कहा कि लोकतंत्र से ‘इमोक्रेसी’ की ओर बदलाव करने के लिए राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भावनाओं से प्रेरित नीतियां, बहस और विचार-विमर्श सुशासन के लिए खतरा बन सकते हैं।
“एक और पहलू है जिस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है ताकि हम लोकतंत्र से ‘इमोक्रेसी’ की ओर हो रहे बदलाव को समझ सकें। भावनाओं से प्रेरित नीतियां, बहस और विचार-विमर्श सुशासन के लिए खतरा बनते हैं। ऐतिहासिक रूप से, लोकलुभावनवाद (पॉपुलिज़्म) खराब अर्थशास्त्र है और एक बार जब कोई नेता लोकलुभावनवाद से जुड़ जाता है, तो इस संकट से बाहर निकलना कठिन हो जाता है। इसलिए, केंद्रीय कारक लोगों का बड़ा और स्थायी कल्याण होना चाहिए। लोगों को इस तरह सशक्त करें कि वे खुद को सशक्त बना सकें, बजाय इसके कि उन्हें क्षणिक रूप से सशक्त किया जाए, क्योंकि इससे उनकी उत्पादकता प्रभावित होती है,” जगदीप धनखड़ ने कहा।